लोन सेटलमेंट और लोन क्लोजर वित्तीय जिंदगी में अकसर भटकाव ला सकते हैं, खासकर तब जब क्रेडिट स्कोर की बात आती है। जबकि लोन सेटलमेंट तब होता है जब कोई कर्जदार पूरा लोन चुकाने में असमर्थ होकर बैंक से बातचीत कर आंशिक रकम देकर समझौता करता है, लोन क्लोजर तब माना जाता है जब पूरा कर्ज समय पर या एकमुश्त चुकाया जाता है।
