ज्वैलरी मार्केट में सोने के कई रंग मौजूद हैं, और हर रंग की अपनी अलग-अलग खासियत है। या यूं कहें कि हर गोल्ड का अपना गुण और रूप होता है। अब व्हाइट गोल्ड और येलो गोल्ड को ही ले लेते हैं। अक्सर लोगों में इस बात को लेकर कनफ्यूजन रहता है कि आखिर इन दो फॉर्म्स में से कौन सा वाला सोना चुनें। कौन ज्यादा बेहतर है, कीमत कैसी है, किसे ज्यादा कीमती माना जाता है...ऐसे सवाल भी सामने आते हैं। तो आइए जानते हैं इस बारे में कुछ डिटेल...
पीला सोना सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है। यह सोने की नेचुरल फॉर्म है। यह बेहद मुलायम होता है और अपने शुद्धतम रूप में यह आसानी से अपना आकार खो देता है। इसलिए जब ज्वैलरी बनाई जाती है तो इसमें कठोर मिश्र धातुएं जैसे कि कॉपर, जिंक मिलाई जाती हैं, जो ज्वैलरी को टिकाऊ बनाती हैं।
सफेद सोना प्राकृतिक रूप से नहीं पाया जाता। यह पीले सोने से बनता है। इसे निकल, पैलेडियम या चांदी जैसी धातुओं के साथ मिलाकर बनाया जाता है। ये मिश्र धातुएं सफेद सोने को थोड़ा हल्का रंग और ज्यादा कठोरता प्रदान करती हैं। इसके अलावा सफेद सोने को ज्यादा सफेद और टिकाऊ बनाने के लिए अक्सर रोडियम की परत चढ़ाई जाती है।
कैरेट एक माप है, जिसका इस्तेमाल सोने की शुद्धता को दर्शाने के लिए किया जाता है। पीले सोने और सफेद सोने, दोनों पर एक ही कैरेट माप लागू होता है। कैरेट 24 के स्केल पर मापा जाता है। 24 कैरेट (या 24K) मतलब शुद्ध सोना। 9K सोना 37.5% शुद्ध सोना होता है, और 18K सोना 75% शुद्ध सोना होता है। 22K में 91.6% शुद्ध सोना होता है। बाकी प्रतिशत सोने को कड़ा बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली कीमती मिश्र धातुओं का होता है।
व्हाइट गोल्ड और येलो गोल्ड की ज्वैलरी में वास्तविक सोने की कीमत में कोई अंतर नहीं होता। लेकिन उस पर समान कैरेट वेट का हॉलमार्क लगा होना चाहिए। उदाहरण के लिए, 18 कैरेट व्हाइट गोल्ड और 18 कैरेट येलो गोल्ड में सोने का प्रतिशत एक जैसा होगा। लेकिन मिक्सिंग और कोटिंग के दौरान की मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस के कारण व्हाइट गोल्ड ज्वैलरी, येलो गोल्ड ज्वैलरी के मुकाबले थोड़ी महंगी हो सकती है।
व्हाइट गोल्ड की चमक बरकरार रखने के लिए हर 1-3 साल में रोडियम की रीप्लेटिंग की जरूरत होती है। येलो गोल्ड की चमक हल्की पड़ सकती है लेकिन इसका रखरखाव आसान है। चूंकि व्हाइट गोल्ड, येलो गोल्ड के मुकाबले ज्यादा मजबूत होता है, इसलिए ज्वैलरी को खरोंचों से बेहतर ढंग से बचाता है।
व्हाइट गोल्ड और येलो गोल्ड में से कौन सा खरीदें, यह व्यक्ति की अपनी पसंद पर निर्भर करता है। व्हाइट गोल्ड मॉडर्न और आकर्षक ज्वैलरी के लिए पॉपुलर हो रहा है, जैसे कि अंगूठी, पेंडेंट। वहीं ट्रेडिशनल येलो गोल्ड की क्लासिक अपील अभी भी बरकरार है। पीले सोने को अक्सर सफेद सोने से ज्यादा पारंपरिक माना जाता है। सफेद सोना और प्लैटिनम एक जैसे दिखते हैं। इनके उलट पीले सोने की नकल करना मुश्किल है। रंगों के अंतर के कारण पीले सोने में जड़े हीरे, सफेद सोने में जड़े हीरों के मुकाबले ज्यादा उभरकर दिखते हैं। वहीं चांदी जैसे सफेद रंग के कारण कई लोग सफेद सोने को पसंद करते हैं।