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अपने बच्चों को विरासत में प्रॉपर्टी सौंपना नहीं है सबसे अच्छा विकल्प, जानिए क्यों?

भारत में प्रॉपर्टी को आमतौर पर एक अनमोल विरासत के रूप में देखा जाता है, लेकिन यह आपके बच्चों के लिए बोझ या कलह का कारण बन सकती है

Curated By: Abhishek Guptaअपडेटेड May 29, 2025 पर 11:16 PM
अपने बच्चों को विरासत में प्रॉपर्टी सौंपना नहीं है सबसे अच्छा विकल्प, जानिए क्यों?
विरासत में मिली प्रॉपर्टी आमतौर आपके घर के वृद्ध जनों के नाम पर होती है या फिर उन पर कानूनी अड़चने होती है

अधिकांश भारतीय परिवार अपनी पुश्तैनी प्रॉपर्टी को अगली पीढ़ियों को सौंपते हैं। वे उसे सबसे लंबे समय तक चलने वाली संपत्ति के रूप में देखते हैं। प्रॉपर्टी स्टेबिलिटी, परंपरा और एकमुश्त पैसों के साधन के तौर पर देखी जाती है। किसी भी माता-पिता को ये लगता है कि वे घर या जमीन का टुकड़ा देकर अपने बच्चों के भविष्य को सुरक्षित कर रहे है या फिर उन्हें एक फाइनेंशियल बफर प्रदान कर रहे है। हालांकि वास्तव में ऐसा ही हो ये जरूरी नहीं होता। वर्तमान समय में परिवारों के बीच झगड़े की सबसे बड़ी वजह प्रॉपर्टी ही बन रही है। इसकी वजह से लोगों में एकदूसरे के प्रति द्वेष बढ़ता जा रहा है। आइए आपको बताते है विरासत के रूप में प्रॉपर्टी का ट्रांसफर कौन-कौन सी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

रखरखाव का खर्च और कानूनी पेचीदगियां

पीढ़ी दर पीढ़ी प्रॉपर्टी का ट्रांसफर एक सर्वोत्तम विकल्प नहीं है जिसके पीछे की एक बड़ी वजह उसके रखरखाव की लागत और जटिलता है। यदि आपके बच्चे आपके समान शहर या देश में नहीं रहते हैं, तो विरासत में मिली प्रॉपर्टी को अच्छी स्थिति में रखना एक सिरदर्द है। प्रॉपर्टी टैक्स, मरम्मत बिल, किराएदार की समस्याएं, या सोसायटी के शुल्क से आपको नुकसान झेलना पड़ सकता है। अगर आपकी प्रॉपर्टी साझा में हो तो इन लागतों को कई उत्तराधिकारियों के बीच डिवाइड करना और भी मुश्किल है।

इसके अलावा, विरासत में मिली प्रॉपर्टी आमतौर आपके घर के वृद्ध जनों के नाम पर होती है या फिर उन पर कानूनी अड़चने होती है। नई पीढ़ी के अनुरूप उनके दस्तावेजों को अपडेट नहीं किया गया होता है। अधूरे म्यूटेशन रिकॉर्ड, अनसुलझे प्रॉपर्टी विवाद, उसके उत्तराधिकारियों को वर्षों तक के मुकदमेबाजी में फंसा सकती है। यानी गिफ्ट होने के बजाय, प्रॉपर्टी एक कानूनी अभिशाप है।

परिवार में प्रॉपर्टी के बंटवारें को लेकर विवाद

वर्तमान समय में रियल एस्टेट कटु विरासत विवादों का सबसे बड़ा केंद्र बनता जा रहा है। बैंक जमा या म्यूचुअल फंड जैसे परिसंपत्तियों के विपरीत, प्रॉपर्टी को इतनी आसानी से विभाजित नहीं किया जा सकता है। यदि एक से अधिक उत्तराधिकारी हैं, तो प्रॉपर्टी को बेचने, किराए पर देने या बनाए रखने को लेकर सहमति बनाना एक टेढ़ी खीर के समान है। यह कई मामलों में पारिवारिक झगड़ों और अदालती मुकदमेबाजी का कारण बनती है।

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