ITR filing 2025: इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने का सीजन जोरों पर है। हालांकि, इस बार टैक्सपेयर्स को फॉर्म, नियम और कटौती से जुड़ी कई जटिलताओं का सामना करना पड़ रहा है।सबसे ज्यादा उलझन इनकम टैक्स एक्ट की धारा 87A (Section 87A) के तहत मिलने वाली छूट को लेकर देखा जा रहा है।
सरकार ने बजट 2025 में नई टैक्स रीजीम को आकर्षक बनाने के लिए सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली छूट को बढ़ाकर ₹60,000 कर दिया है। हालांकि, यह नियम वित्त वर्ष 2025-26 (आय वर्ष 2026-27) से लागू होगा। इसके बावजूद कई टैक्सपेयर्स मौजूदा रिटर्न (AY 2025-26) में ही इस छूट के दावे को लेकर भ्रम में हैं।
यह प्रावधान टैक्सपेयर्स की कुल टैक्स योग्य आय (Taxable Income) एक निश्चित सीमा से कम होने पर टैक्स में छूट देताता है। यह छूट टैक्स के कुल कैलकुलेशन के बाद दी जाती है, यानी यह आपकी देय टैक्स रकम में से घटाई जाती है।
इसका मतलब है कि अगर आपने नया टैक्स सिस्टम चुना है और आपकी टैक्सेबल इनकम ₹7 लाख या उससे कम है, तो आपको ₹25,000 तक की छूट मिल सकती है। इससे आपका पूरा टैक्स शून्य हो सकता है। वहीं पुराने सिस्टम में यह छूट सिर्फ ₹5 लाख इनकम तक ही उपलब्ध है और अधिकतम सीमा ₹12,500 है।
बजट 2025 की नई घोषणा क्या कहती है?
वित्त मंत्री ने बजट 2025 में ऐलान किया था कि वित्त वर्ष 2025-26 (असेसमेंट ईयर 2026-27) से नई टैक्स व्यवस्था में ₹12 लाख तक की टैक्स योग्य आय पर ₹60,000 तक की छूट मिलेगी। इसके साथ, ₹75,000 तक की स्टैंडर्ड डिडक्शन जोड़ने पर ₹12.75 लाख की सालाना सैलरी तक टैक्स देनदारी शून्य हो सकती है।
ITR फाइलिंग अभी किस नियम से हो रही?
फिलहाल जो ITR फाइल हो रही है, वह FY 2024-25 (AY 2025-26) के लिए है। इसमें पुराना छूट ढांचा लागू है। इसका मतलब है कि नई टैक्स व्यवस्था में ₹7 लाख तक और पुरानी में ₹5 लाख तक की आय पर ही छूट मिलेगी।
इन बातों का ध्यान रखना भी है जरूरी
सेक्शन 87A के तहत मिलने वाली छूट मध्यमवर्गीय टैक्सपेयर्स के लिए बड़ी राहत है। हालांकि यह ध्यान रखना जरूरी है कि बजट 2025 में घोषित नई छूट FY 2025-26 से लागू होगी, न कि मौजूदा ITR फाइलिंग में। इसलिए टैक्स भरते समय नियमों की सही समझ जरूरी है, वरना रिफंड या टैक्स देनदारी को लेकर गलतफहमी हो सकती है।