उत्तर प्रदेश में शराब को लेकर योगी आदित्यनाथ सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने आबकारी नीति में कई अहम बदलाव किए हैं। जिसके तहत अब हर तरह की शराब देशी-विदेशी, बीयर सब एक ही जगह में मिलेंगी। नई नीति में इन दुकानों को ई लॉटरी सिस्टम से लाइसेंस दिया जाएगा। पुराने लाइसेंस का रिन्यूअल भी अब बंद कर दिया गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई आबकारी नीति 2025-26 को मंजूरी दे दी गई है। जल्द ही सरकार लॉटरी के जरिए दुकानों का आवंटन नए सिरे से करेगी।
राज्य में 7 साल से शराब की दुकानों की लॉटरी नहीं हुई है। तब से पुरानी दुकानों का नवीनीकरण किया जा रहा था। जो लोग शराब और बियर पीने के शौकीन हैं। उनके लिए अच्छी खबर है कि अब उन्हें देसी शराब, विदेशी शराब और बीयर लेने के लिए अलग-अलग दुकानों पर नहीं जाना पड़ेगा।
बदल गया लाइसेंस लेने का सिस्टम
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सूत्रों के अनुसार अब सरकार नए सिरे से लॉटरी करवाएगी। इसके साथ ही राजस्थान, उत्तराखंड सहित अन्य राज्यों की तरह यहां कंपोजिट दुकानें आवंटित करने का भी निर्णय लिया गया है। दुकानदार को पिछले साल दुकान के मासिक राजस्व से 10 फीसदी ज्यादा शराब स्टॉक में रखनी होगी। इसके साथ ही उसकी खपत भी करनी होगी। नई आबकारी नीति के जरिए प्रदेश सरकार ने 55000 करोड़ रुपये का राजस्व जुटाने का लक्ष्य रखा है। यह पिछली बार से 4000 करोड़ रुपये ज्यादा है। इसमें प्रीमियम रिटेल दुकानों के लाइसेंस के रिन्यूअल के लिए 25 लाख रुपये सालाना फीस होगी। कोई भी व्यक्ति, फर्म या कंपनी दो से ज्यादा लाइसेंस नहीं ले सकेगी।
कैबिनेट में शराब दुकानों के लिए लाइसेंस फीस भी तय कर दी गई है। गौतम बुद्ध नगर विकास प्राधिकरण, गाजियाबाद, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, गोरखपुर, कानपुर, लखनऊ नगर निगमों में 65,000, कंपोजिट दुकान के लिए 90,000, मॉडल शॉप के लिए एक लाख, श्रेणी एक को छोड़कर अन्य नगर निगमों की सीमा के बाहर तीन किमी तक देसी, 60,000, कंपोजिट 85,000, मॉडल शॉप 90,000, नगर पंचायतों में देसी 50,000, कंपोजिट 65,000, मॉडल शॉप 70,000, ग्रामीण क्षेत्र में देसी 40,000, कंपोजिट 55,000 और मॉडल शॉप के लिए 60,000 रुपये फीस तय की गई है।
अप्रैल से शराब हो जाएगी महंगी
लाइसेंस नीति में बदलाव और फीस बढ़ोतरी से उत्तर प्रदेश में शराब के शौकीनों को बड़ा झटका लग सकता है। कयास लगाए जा रहे हैं कि सरकार की इस नीति से शराब के दाम बढ़ सकते हैं।