सोशल मीडिया (Social Media) ने लोगों को घर बैठे कमाई करने का मौका दिया है। यूट्यूब (YouTube) और ट्विटर (अब X) जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए लोग लाखों की कमाई कर रहे हैं। चूंकि, ज्यादातर सोशल मीडिया कंपनियां विदेश में हैं, जिससे लोगों को लगता है कि उन्हें इस कमाई पर टैक्स चुकाने की जरूरत नहीं है। लेकिन, ऐसा सोचना गलत है। अगर आपका कोई यू्ट्यूब चैनल है या किसी दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए आपको इनकम हो रही है तो उस पर आपको टैक्स देना होगा। हाल में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इस माध्यम से कमाई करने वाले लोगों को नोटिस भेजे हैं।
सोशल मीडिया से कमाई दो तरह की
एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोशल मीडिया से होने वाली इनकम को मुख्य तौर पर दो वर्गों में बांटा जा सकता है। इसे इनकम फ्रॉम बिजनेस एंड प्रोफेशन माना जा सकता है। दूसरा, इसे इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज माना जा सकता है। सवाल है कि दोनों तरह के इनकम के बीच क्या फर्क है? एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर कोई व्यक्ति सोशल मीडिया के लिए कंटेंट तैयार करने का काम फुल टाइम आधार पर करता है और इससे होने वाली कमाई उसकी आय की मुख्य स्रोत है तो इसे बिजनेस या प्रोफेशन से हुई कमाई मानी जाएगी।
अगर कोई व्यक्ति अपने खाली समय में सोशल मीडिया के लिए कंटेंट तैयार करता है और उससे कमाई होती है तो उस कमाई को इनकम फ्रॉम अदर सोर्सेज मानी जाएगी। यहां ध्यान रखना जरूरी है कि यह कमाई उसकी मुख्य कमाई नहीं होनी चाहिए। यह उसकी कुल कमाई का सिर्फ एक हिस्सा होनी चाहिए। दूसरा, यह उसकी मुख्य कमाई के मुकाबले काफी कम होनी चाहिए। ज्यादातर लोग इस कैटेगरी में आते हैं। वे अपने शौक के लिए अपना चैनल बनाते हैं, जिससे उन्हें कुछ कमाई होती है।
इनकम पर टैक्स का रेट क्या होगा?
अब बड़ा सवाल यह है कि सोशल मीडिया से होने वाली कमाई पर टैक्स का रेट क्या होगा? इस बारे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से होने वाली कमाई चाहे इनकम फ्रॉम बिजनेस हेड के तहत आती हो या इनकम फ्रॉम अदर सोर्स के तहत आती है, इस पर टैक्स का रेट टैक्सपेयर के टैक्स स्लैब के आधार पर तय होगा। इसका मतलब है कि अगर टैक्सपेयर इनकम टैक्स की पुरानी रीजीम का इस्तेमाल करता है और उसकी उम्र 60 साल से कम है और उसकी इनकम 2.5 से 5 लाख रुपये के बीच है तो वह 5 फीसदी टैक्स स्लैब में आएगा। 5 से 10 लाख इनकम पर टैक्स का रेट 20 फीसदी होगा। 10 लाख रुपये से ज्यादा इनकम पर टैक्स का रेट 30 फीसदी होगा।