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Akshaya Tritiya 2025: इस बार अक्षय तृतीया पर नहीं होगा विवाह का शुभ संयोग, जानें वजह

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय का अर्थ है जो कभी समाप्त न हो। ऐसे में अक्षय तृतीया के दिन जप, तप, यज्ञ, पितृ-तर्पण और दान-पुण्य जैसे कार्य करने से प्राप्त पुण्य जीवनभर बना रहता है। जैन समुदाय के लिए भी यह दिन विशेष है, जिसे वे इक्षु तृतीया के रूप में श्रद्धापूर्वक मनाते हैं

अपडेटेड Apr 29, 2025 पर 8:24 AM
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Akshaya Tritiya 2025: वैशाख शुक्ल तृतीया पर मनाई जाती है अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। ये दिन अत्यंत पवित्र और शुभ माना जाता है, जिसे अबूझ मुहूर्त का दर्जा प्राप्त है। अर्थात इस दिन विवाह, गृह प्रवेश जैसे मांगलिक कार्य बिना किसी विशेष मुहूर्त के किए जा सकते हैं। अक्षय तृतीया को शुभ कार्यों के आरंभ के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किए गए दान-पुण्य और धार्मिक अनुष्ठानों का फल कभी क्षय नहीं होता। हालांकि, वर्ष 2025 की अक्षय तृतीया विशेष परिस्थितियों के चलते कुछ अलग रहने वाली है।

इस बार विवाह जैसे शुभ कार्य संभव नहीं होंगे, क्योंकि गुरु और शुक्र ग्रह अस्त रहेंगे, जो विवाह के मुख्य कारक माने जाते हैं। इसके बावजूद अक्षय तृतीया का पर्व जप, तप, दान और सोना खरीदने जैसे शुभ कार्यों के लिए विशेष महत्व रखता है।

कब है अक्षय तृतीया 2025?


इस वर्ष अक्षय तृतीया 30 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी।

तृतीया तिथि का आरंभ: 30 अप्रैल को दोपहर 02:12 बजे

तृतीया तिथि का समापन: 30 अप्रैल को शाम 05:29 बजे

उदय तिथि के अनुसार, 30 अप्रैल बुधवार को अक्षय तृतीया का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

इस दिन पूजा का श्रेष्ठ समय प्रातः 05:41 बजे से लेकर दोपहर 12:18 बजे तक रहेगा। इस अवधि में पूजा, जप-तप और दान आदि करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होगी।

इस बार क्यों नहीं हो पाएंगे विवाह?

इस वर्ष अक्षय तृतीया पर विवाह आदि जैसे शुभ कार्य नहीं किए जा सकेंगे। इसका मुख्य कारण ये है कि इस दिन गुरु और शुक्र तारा अस्त रहेंगे। गुरु और शुक्र दोनों ही विवाह के प्रमुख कारक ग्रह माने जाते हैं, इसलिए इनके अस्त होने पर विवाह जैसे शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं। पिछले वर्ष 2024 में भी इसी कारण अक्षय तृतीया पर विवाह का शुभ मुहूर्त नहीं बन पाया था।

किन कार्यों का है विशेष महत्व?

भले ही विवाह संभव न हो, लेकिन अक्षय तृतीया पर अन्य कई पुण्य कार्य किए जा सकते हैं। इस दिन विशेष रूप से निम्न कार्य शुभ माने जाते हैं:

जप-तप और यज्ञ करना

पितरों के लिए तर्पण करना

दान-पुण्य करना

कहा जाता है कि इस दिन किए गए पुण्य कार्यों का फल कभी नष्ट नहीं होता।

सोना खरीदने का महत्व

अक्षय तृतीया पर सोना खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। इसे घर में समृद्धि और खुशहाली का प्रतीक माना जाता है। नए आभूषण या संपत्ति खरीदने से जीवन में स्थायी सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

तुलसी के सामने दीपक जलाने का महत्व

इस दिन तुलसी के पौधे के पास घी का दीपक जलाना भी विशेष पुण्यदायी माना जाता है। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।

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