Ashwin Amavasya 2025: अश्विन मास की अमावस्या का हिंदू धर्म में बहुत महत्व माना जाता है। इस दिन सर्वपितृ विसर्जन होता है, यानी पितरों के लिए अंतिम श्राद्ध किया जाता है। इस दिन हमारे पितृ धरती लोग से विदा हो जाते हैं। इस दिन पितृ पक्ष का अंतिम श्राद्ध किया जाता है। इसके बाद, मां दुर्गा के आगमन की तैयारी की जाती है, क्योंकि इसके अगले से शारदीय नवरात्र शुरू होते हैं। इस साल अश्विन अमावस्या की तिथि 21 सितंबर को होती और ये बेहद खास है। इस दिन साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है और रविवार भी है। पितरों से जुड़ी परंपराओं में सूर्य देव का अहम स्थान होता है और रविवार सूर्य देव को समर्पित माना जाता है। इस दिन कुछ उपाय करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। आइए जानें इन उपायों के बारे में
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें : यदि संभव हो तो इस दिन सूरज निकलने से पहले जाग जाएं। नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें। इससे नकारात्मकता दूर होती है।
पितरों के नाम पर दीपक जलाएं : पितरों को याद करते हुए घर की दक्षिण दिशा में शाम को दीपक जलाएं। मान्यता है कि इससे उनका आशीर्वाद घर परिवार को मिलता है।
दान करें : इस दिन जरूरतमंदों को अन्न, कपड़े या धन का दान करें। खासकर काले तिल, सफेद चावल, वस्त्र या लोहे से बनी चीजें दान करना शुभ होता है।
कौए, कुत्ते और गाय को खिलाएं भोजन : पितृ विसर्जन के दिन कौआ, कुत्ता और पितृ को भोजन जरूर कराना चाहिए। ये जीव आत्माओं के प्रतीक माने जाते हैं। इन्हें भोजन कराने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
घर की सफाई जरूर करें : इस दिन घर के कोनों में जमा गंदगी को साफ करें और गंगाजल का छिड़काव करें। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
मंत्र जाप करें : अपने इष्ट देव या पितरों के नाम पर “ॐ पितृदेवाय नमः” मंत्र का जाप करें। इससे मन को शांति मिलती है और आत्मिक लाभ होता है।