Chaitra Navratri 2025: अष्टमी तिथि पर ऐसे करें मां महागौरी की पूजा, मिलेगा शुभ फल

Chaitra Navratri 2025: हिंदू धर्म में नवरात्रि की अष्टमी तिथि का खास महत्व है। इस दिन मां महागौरी की आराधना से पापों का नाश और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। जानें अष्टमी पर पूजा की सही विधि, शुभ मुहूर्त और इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें, ताकि इस पावन अवसर का पूरा लाभ उठा सकें

अपडेटेड Apr 05, 2025 पर 8:41 AM
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Chaitra Navratri 2025: मां महागौरी का रंग अत्यंत गोरा होता है, इसलिए इन्हें "महागौरी" कहा जाता है।

चैत्र नवरात्रि का आठवां दिन मां महागौरी को समर्पित होता है, जो 2025 में 5 अप्रैल, शनिवार को मनाया जाएगा। मां महागौरी अपने सौम्य स्वरूप और असीम कृपा के लिए जानी जाती हैं। हिंदू धर्म में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व है, इस दिन हवन, कन्या पूजन और विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। माना जाता है कि मां महागौरी की पूजा करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। माता को सफेद रंग, नारियल से बने प्रसाद और काले चने का भोग प्रिय होता है।

उनकी कृपा से राहु दोष का प्रभाव कम होता है और भक्तों को शांति व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं मां महागौरी की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और अन्य महत्वपूर्ण जानकारी ताकि इस पावन अवसर पर आप सही तरीके से पूजा कर सकें।

मां महागौरी का स्वरूप और विशेषता


मां महागौरी का रंग अत्यंत गोरा होता है, इसलिए इन्हें "महागौरी" कहा जाता है। चार भुजाओं वाली मां महागौरी बैल (वृषभ) पर सवार होती हैं। उनका स्वभाव बेहद शांत और करुणामयी है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार, इनकी पूजा करने से राहु दोष से मुक्ति मिलती है और सभी संकट दूर होते हैं।

मां महागौरी की पूजा विधि

स्नान और शुद्धता: सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

प्रतिमा का अभिषेक: मां की मूर्ति या चित्र को गंगाजल से शुद्ध करें।

वस्त्र अर्पण: मां को सफेद रंग के वस्त्र चढ़ाएं, क्योंकि यह रंग उन्हें प्रिय है।

श्रृंगार: मां को रोली, कुमकुम, हल्दी और चंदन का तिलक करें।

भोग अर्पण: पंचमेवा, फल, मिष्ठान और काले चने का भोग लगाएं।

आरती और मंत्र: मां की आरती करें और ध्यान मंत्र का जाप करें।

कन्या पूजन: इस दिन कन्या पूजन करना बेहद शुभ माना जाता है।

अष्टमी के शुभ मुहूर्त 2025

यदि आप मां महागौरी की पूजा करना चाहते हैं, तो इन शुभ मुहूर्तों का ध्यान रखें:

ब्रह्म मुहूर्त: 04:35 AM – 05:21 AM

प्रातः संध्या: 04:58 AM – 06:07 AM

अभिजित मुहूर्त: 11:59 AM – 12:49 PM

विजय मुहूर्त: 02:30 PM – 03:20 PM

गोधूलि मुहूर्त: 06:40 PM – 07:03 PM

मां महागौरी को प्रिय चीजें

प्रिय पुष्प: मां को "रात की रानी" फूल अर्पित करने से विशेष फल मिलता है।

भोग: नारियल से बनी मिठाइयां, काले चने, खीर-पूड़ी, हलवा और लड्डू मां को अर्पित किए जाते हैं।

शुभ रंग: अष्टमी के दिन गुलाबी रंग के वस्त्र पहनना बेहद शुभ माना जाता है।

मां महागौरी के मंत्र और स्तोत्र

ध्यान मंत्र:

"वन्दे वाञ्छित कामार्थे चन्द्रार्धकृतशेखराम्।

सिंहारूढा चतुर्भुजा महागौरी यशस्विनीम्॥"

स्तोत्र पाठ:

"सर्वसङ्कट हन्त्री त्वंहि धन ऐश्वर्य प्रदायनीम्।

ज्ञानदा चतुर्वेदमयी महागौरी प्रणमाम्यहम्॥"

Chaitra Navratri 2025: अष्टमी, नवमी पूजा मुहूर्त, जानें हवन और कन्या पूजन के लिए सही समय

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