दिवाली की रौनक खत्म होते ही बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत देशभर में छठ पर्व की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। ये पर्व न केवल सूर्य देव और छठ मईया की आराधना का प्रतीक है, बल्कि इसमें प्रकृति, जल और पवित्रता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में हर नियम और परंपरा का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व होता है। व्रती सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इस व्रत की सबसे खास बात ये है कि इसमें पूजा की हर सामग्री चाहे वो प्रसाद हो, सूप, डाला या फल सभी का अपना प्रतीकात्मक अर्थ होता है।
