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Chhath Puja 2025: छठ पर्व में भूलकर भी न छोड़ें ये 7 फल, वरना अधूरा रह जाएगा व्रत

Chhath Puja 2025: दिवाली के बाद पूरे उत्साह के साथ छठ पूजा की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। चार दिन चलने वाले इस पर्व में सूर्य देव और छठ मईया की उपासना की जाती है। इस दौरान सात विशेष फलों का खास महत्व होता है, जिनके बिना छठ पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए जानें इनका महत्व

MoneyControl Newsअपडेटेड Oct 24, 2025 पर 1:01 PM
Chhath Puja 2025: छठ पर्व में भूलकर भी न छोड़ें ये 7 फल, वरना अधूरा रह जाएगा व्रत
Chhath Puja 2025: सिंघाड़ा यानी जलफल, छठ मईया को बेहद प्रिय माना गया है।

दिवाली की रौनक खत्म होते ही बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश समेत देशभर में छठ पर्व की तैयारियां शुरू हो जाती हैं। ये पर्व न केवल सूर्य देव और छठ मईया की आराधना का प्रतीक है, बल्कि इसमें प्रकृति, जल और पवित्रता का अद्भुत संगम देखने को मिलता है। चार दिनों तक चलने वाले इस महापर्व में हर नियम और परंपरा का वैज्ञानिक और धार्मिक महत्व होता है। व्रती सूर्योदय और सूर्यास्त के समय अर्घ्य देकर परिवार की सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। इस व्रत की सबसे खास बात ये है कि इसमें पूजा की हर सामग्री चाहे वो प्रसाद हो, सूप, डाला या फल सभी का अपना प्रतीकात्मक अर्थ होता है।

खासकर सात विशेष फल, जिन्हें छठ मईया का प्रिय माना गया है। इन फलों के बिना छठ पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं, कौन-से हैं ये सात शुभ फल और क्यों हैं ये इतने खास।

  • डाभ नींबू
  • डाभ नींबू सामान्य नींबू से आकार में बड़ा और अंदर से लाल रंग का होता है। इसका स्वाद खट्टा-मीठा और परत काफी मोटी होती है, जिससे ये लंबे समय तक ताज़ा रहता है और कोई पशु-पक्षी इसे जूठा नहीं कर पाता। यही वजह है कि इसे छठ मईया का प्रिय फल माना गया है। पूजा की टोकरी में डाभ नींबू रखना बेहद शुभ माना जाता है।

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