Ganesh Chaturthi 2025: बप्पा के आशीर्वाद से दूर होंगे राहू-केतु के दोष, जानें नवग्रह दोष शांति के उपाय

Ganesh Chaturthi 2025: हिंदू धर्म में गणेश भगवान को मुश्किलों को दूरे करने वाले और शुभकर्ता के रूप में जाना जाता है। ज्योतिष में भी गणेश जी का विशेष स्थान है और उनकी पूजा से राहु-केतु जैसे हानिकारक ग्रहों के दोष का निवारण भी किया जा सकता है।

अपडेटेड Aug 26, 2025 पर 1:44 PM
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विघ्नहर्ता गणेश भगवान की पूजा करने से राहु-केतू के दोष से मुक्ति मिलती है।

Ganesh Chaturthi 2025: गणपति बप्पा के आगमन का समय बहुत पास आ चुका है। इसके साथ ही बढ़ रहा है त्योहार की तैयारियों का तापमान। हिंदू धर्म में गणेश भगवान को मुश्किलों को दूरे करने वाले और शुभकर्ता के रूप में जाना जाता है। ज्योतिष में भी गणेश जी का विशेष स्थान है और उनकी पूजा से कई तरह के ग्रह दोषों का निवारण किया जा सकता है। बुध और राहु-केतु जैसे हानिकारक ग्रहों के दोष का निवारण भी गणेश पूजा के माध्यम से किया जा सकता है।

इस साल गणेश चतुर्थी के 10 दिनों के त्योहार की शुरुआत 27 अगस्त से हो रही है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का त्योहार मनाया जाता है। इस खास दिन पर बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता भगवान गणेश की विधि-विधान से पूजा की जाती है और उन्हें सिंदूर, चंदन, यज्ञोपवीत, दूर्वा, लड्डू या गुड़ से बनी मिठाई या मोदक का भोग लगाया जाता है।

गणेश पूजा के लाभ

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को शुभ-लाभ और रिद्धि-सिद्धि का देवता माना गया है। वह भक्‍तों की मुश्किलों को दूर करते हैं और उनके जीवन में आने वाले सकंट, रोग का निवारण करते हैं। शास्‍त्रों में गणेश जी की पूजा का दिन बुधवार है। भगवान गणेश बुध ग्रह के अधिपति भी है। माना जाता है कि इस दिन विधि विधान से भगवान गणेश की पूजा करने से नवग्रह दोष से मुक्ति मिलती है।

बप्पा दूर करते हैं राहु-केतु का दोष

पौराणिक धर्म ग्रंथों के अनुसार गणेश जी की उत्पत्ति दो शरीरों के मिलने से हुई है। वहीं, राहू-केतु एक शरीर के दो भाग हैं। ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार, राहु-केतू छाया ग्रह हैं, जो व्यक्ति की कुंडली में पिछले जन्म के कर्मों के हिसाब से विराजमान होते हैं। ज्योतिष में भगवान गणेश को भी विशेष स्थान दिया गया है। इसलिए, कहते हैं कि गणेश भगवान की पूजा करने से राहु-केतू के दोष दूर होते हैं। भगवान गणेश को जो दूर्वा चढ़ाई जाती है, उसे राहु की वनस्पति के तौर पर माना जाता है। इसके अलावा राहु दोष शांति में श्री गणेश द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इन नामों के साथ भगवान गणेश को दूर्वा अर्पित करने से राहु दोष शांत होता है।


इसी तरह, केतू दोष को शांत करने के लिए किसी जरूरतमंद को हरी मूंग दान करना चाहिए और भगवान गणेश के मंदिर में किसी निर्माण में यथासंभव दान करना चाहिए।

नवग्रह दोष शांति उपाय

ज्योतिष में भगवान गणेश को शुभता और सम्पन्नता का प्रतीक माना गया है। बीमारी या और किसी तरह की परेशानी से जूझ रहे जातक कुछ सामान्य उपाय कर नव ग्रह दोष से भी मुक्ति पा सकते हैं। आइए जानें इनके बारे में

  • किसी खास उद्देश्य से बाहर निकलने से पहले सुबह गणेश जी को दूर्वा अर्पित कर घर से निकलें, इससे आपके कार्यों में आने वाल बाधा समाप्त होगी।
  • गणेश जी को दूर्वा और मोतीचूर के लड्डू का भोग लगाएं और लक्ष्मी जी के चित्र के सामने घी का दीपक जलाएं।
  • अपने कारोबार, दुकान या व्यवसाय के उद्‌घाटन के समय चांदी की एक कटोरी में धनिया डालकर उसमें चांदी के लक्ष्मी गणेश की मूर्ति रखें और इसे पूर्व दिशा में स्थापित करें। नियमित और हर दिन सबसे पहले इसकी पूजन करने से काम में खूब तरक्की होती है।
  • रोज ‘ऊं गं गणपतये नमः’ मंत्र का जाप करने से भगवान गणेश प्रसन्न होते हैं साधक हर परीक्षा में सफल होने का आशीर्वाद देते हैं।
  • संकष्टी चतुर्थी के व्रत करने से चंद्रमा के शुभ परिणाम प्राप्त होते हैं। वहीं गणेशजी के मंत्रों के जाप से शनि दोष से पीड़ित व्यक्ति को भी राहत मिलती है।

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First Published: Aug 26, 2025 1:35 PM

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