Ganesh Chaturthi 2025: आज चंद्रमा के दर्शन करने पर लगता है दोष, जानिए चांद के श्राप की कहानी

Ganesh Chaturthi 2025: गणेश भगवान को विघ्न-बाधाएं हरने वाले भगवान के रूप में पूजा जाता है। किसी भी शुभ कार्य में उनकी पूजा सबसे पहले करने का विधान है। फिर ऐसा क्या हुआ था कि आज के दिन चांद देखने पर दोष लगता है? और क्यों दिया था गणपति ने चंद्रमा को ऐसा श्राप?

अपडेटेड Aug 27, 2025 पर 8:46 AM
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गणेश चतुर्थी पर गणेश जी के श्राप के कारण लगा चंद्रमा को दोष।

Ganesh Chaturthi 2025: माना जाता है कि गणेश चतुर्थी पर गणेश भगवान अपने भक्तों को आर्शीवाद देने के लिए धरती पर आते हैं। पूरे देश में विघ्नहर्ता गणेश के आगमन को पूरे उत्साह और आस्था के साथ मनाया जाता है। इस मौके पर विशाल आयोजन किए जाते हैं और चारों तरफ उत्सव सा माहौल रहता है। गणेश चतुर्थी का उत्सव हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन मनाया जाता है। इस साल यह उत्सव आज यानी 27 अगस्त को मनाया जा रहा है। मगर, शास्त्रों में इस खास दिन पर जुड़ा एक नियम बताया गया है, जिसका पालन न करने पर दोष लगता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को चंद्रमा का दर्शन करना निषेध माना जाता है। इस दिन चंद्रमा के दर्शन करने पर कलंक या झूठे आरोपों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी इस बात से अंजान हैं, तो चलिए जानते हैं इससे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में।

श्रीकृष्ण पर लगा था चतुर्थी के चंद्र दर्शन का दोष

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान श्रीकृष्ण ने भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन गलती से चंद्र दर्शन कर लिया था। इसका दोष उन्हें सहना पड़ा था और उनके ऊपर स्यमंतक मणि चोरी का झूठा आरोप लग गया। उन्हें खुद को निर्दोष साबित करने के लिए कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा था।

जानिए चंद्रमा को मिले श्राप की कथा

पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान शिव के हाथों हेरम्बा का वध हुआ और फिर उनके शरीर पर हाथी के सिर को लगाया गया, तब उनका नाम गजानन पड़ा। इसके बाद अपने माता-पिता के रूप में पृथ्वी की सबसे पहले परिक्रमा करने के कारण उन्हें सभी शुभ कार्यों में सबसे पहले पूजे जाने का वरदान मिला। इस महान घटना पर सभी देवी-देवताओं ने उनकी स्तुति की पर चंद्रमा मंद-मंद मुस्कुराते रहे। उन्हें अपने रूप और सौंदर्य पर घमंड था। गणेशजी समझ गए कि चंद्रमा अपने रूप और सौंदर्य के अभिमान में उनकी हंसी उड़ा रहे हैं। इससे उन्हें बहुत गुस्सा आया और उन्होंने चंद्रमा को काले होने का श्राप दे दिया। इसके बाद चंद्रमा को अपनी भूल का एहसास हुआ। तब चंद्रदेव ने भगवान गणेश से क्षमा मांगी तो गणेश जी ने कहा कि सूर्य के प्रकाश को पाकर तुम एक दिन पूर्ण हो जाओगे यानी पूर्ण प्रकाशित होंगे। लेकिन चतुर्थी का यह दिन तुम्हें दण्ड देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा। इस दिन को याद कर कोई अन्य व्यक्ति अपने सौंदर्य पर अभिमान नहीं करेगा। जो कोई व्यक्ति भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी के दिन तुम्हारे दर्शन करेगा, उस पर झूठा आरोप लगेगा।

भूल से दर्शन होने पर क्या करें


गणेश चतुर्थी के दिन चंद्र दर्शन हो जाये तो कलंक चतुर्थी की कृष्ण-स्यमंतक कथा को पढ़ने या सुनने पर गणेशजी क्षमा कर देते हैं। कलंक के दोष से बचने के लिए हर दूज का चांद देखना भी जरूरी है। चतुर्थी पर चंद्र दर्शन हो जाए तो इस मंत्र को जपने से भी कलंक नहीं लगता है।

सिंहः प्रसेन मण्वधीत्सिंहो जाम्बवता हतः।

सुकुमार मा रोदीस्तव ह्मेषः स्यमन्तकः।।

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First Published: Aug 27, 2025 8:31 AM

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