Ganesh Chaturthi 2025: यह पर्व हर साल भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। इस साल ये तारीख आज यानी 27 अगस्त को पड़ रही है। ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार इस साल गणपति बप्पा की स्थापना के लिए कई बेहद शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है। इन शुभ संयोगों में बप्पा का आगमन शुभ फलदायी और मंगलकारी माना जा रहा है। गणेश भगवान की दुखहर्ता और सुखकर्ता के रूप में पूजा की जाती है। गणेश चतुर्थी का पर्व 10 दिनों तक चलता है। माना जाता है कि इस दौरान बप्पा धरती पर पधारते हैं और अपने सच्चे भक्तों की हर मनाकामना पूरी करते हैं।
दुर्लभ और शुक्ल योग में विराजेंगे बप्पा
गणेश चतुर्थी के मौके पर इस साल बप्पा की स्थापना के लिए दुर्लभ शुभ और शुक्ल योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही गणेश चतुर्थी तिथि पर सर्वार्थ सिद्धि योग और भद्रावास योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिषाचार्य सुनील चोपड़ा ने नई दुनिया को बताया कि इन योगों में भगवान गणेश की पूजा करने से साधक को मनचाहा वरदान मिलता है।
मूर्ति स्थापना के लिए मिल रहे 2.36 घंटे
गणेश जी की मूर्ति स्थापित करने का शुभ समय सुबह 11.06 बजे से दोपहर 2.40 बजे तक है। इस तरह मूर्ति स्थापना के लिए 2.36 घंटे का समय मिल रहा है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि की शुरुआत 26 अगस्त को दोपहर 1.54 बजे से हो चुकी है। यह तिथि 27 अगस्त को दोपहर 3.44 बजे तक रहेगी। पंचांग के अनुसार उदया तिथि 27 अगस्त को मिलने की वजह से गणेश चतुर्थी का पर्व इसी दिन शुरू होगा और गणेश स्थापना की जाएगी।
स्थापना करते समय इन बातों का रखें ध्यान
श्रीगणेश की प्रतिमा को विराजित करने के लिए दिशा का विशेष ध्यान रखा जाता है। प्रथम पूज्य श्रीगणेश को विराजित करने के लिए उत्तर पूर्व दिशा सबसे उत्तम मानी जाती है। इस दिशा में विराजित गणेश धन-धान्य में वृद्धि के साथ सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। स्थापित करने के लिए बप्पा की ऐसी प्रतिमा अत्यंत शुभ मानी जाती है, जिसमें उनकी सूंड बाई ओर झुकी होती है।