हरियाली अमावस्या का पर्व इस साल 24 जुलाई, गुरुवार को मनाया जाएगा। सावन महीने की अमावस्या तिथि को ही हरियाली अमावस्या कहते हैं। ये दिन प्रकृति की हरियाली के स्वागत, पर्यावरण संरक्षण, पवित्र स्नान, पितृ तर्पण और शिव आराधना के लिए बेहद खास माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन शिवभक्ति से मनोकामनाएं पूरी होती हैं और पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। उत्तर भारत के कई हिस्सों में ये पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, जहां लोग वृक्षारोपण करते हैं और मंदिरों में विशेष पूजन होता है।
इस दिन गंगा स्नान और दान-पुण्य का भी विशेष महत्व होता है। खास बात ये है कि हरियाली अमावस्या न सिर्फ धार्मिक दृष्टि से खास है, बल्कि पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी एक महत्वपूर्ण अवसर बन चुकी है।
शिव पूजन और अभिषेक का महत्व
इस दिन भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए भक्त गंगाजल, दूध, दही, शहद से अभिषेक करते हैं और बेलपत्र, भांग, धतूरा अर्पित करते हैं। मान्यता है कि इस दिन शिव जी को खुश करने से विशेष कृपा प्राप्त होती है।
पितरों के लिए क्यों खास है ये दिन?
ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और साधक को उनके आशीर्वाद से पितृदोष से मुक्ति और शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
इस दिन आप अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार इन चीजों का दान करें
छाता, वस्त्र, तिल, जौ, अन्न
उड़द की दाल – ग्रह दोष निवारण के लिए
छायादार पौधे – पर्यावरण और पुण्य दोनों के लिए
क्या न करें हरियाली अमावस्या पर?
बाल और नाखून काटने से बचें
वाद-विवाद और झगड़ों से दूरी रखें
प्याज-लहसुन जैसे तामसिक भोजन न करें
झाड़ू खरीदना या उपयोग करना टालें
किसी भी तरह का शुभ कार्य करने से परहेज करें
हरियाली अमावस्या के शुभ मुहूर्त
स्नान, दान और पूजा के लिए इस बार पूरा दिन शुभ है। विशेष मुहूर्त:
अभिजीत मुहूर्त: 12:00 PM – 12:55 PM
विजय मुहूर्त: 2:44 PM – 3:39 PM
अमृत काल: 2:26 PM – 3:58 PM
गुरु पुष्य योग और अमृत सिद्धि योग: शाम 4:43 बजे से पूरे दिन