Margashirsha month 2025 Niyam: भगवान कृष्ण के प्रिय मास में नहीं करने चाहिए ये काम, जानें इस माह के जरूरी नियम

Margashirsha month 2025 Niyam: मार्गशीर्ष मास भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मास है। इसमें उनकी पूजा करने से उनकी कृपा सदा बनी रहती है। इस मास में कुछ काम कभी नहीं करने चाहिए। आइए जानें क्या हैं इस मास के नियम और कौन से काम करने से श्रीकृष्ण की कृपा प्राप्त होती है।

अपडेटेड Nov 09, 2025 पर 7:00 AM
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मार्गशीर्ष मास को स्वयं भगवान का स्वरूप माना जाता है।

Margashirsha month 2025 Niyam: मार्गशीर्ष मास को भगवान श्रीकृष्ण का प्रिय मास माना जाता है। इस मास का एक नाम अगहन भी है। इस मास में भगवान कृष्ण की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। कहीं-कहीं मार्गशीर्ष महीने को अन्नमास भी कहा जाता है। इस समय भगवान कृष्ण की पूजा, अन्नदान, गौ-सेवा और ब्राह्मणों को दान करने से अक्षय पुण्य मिलता है और बैकुंठ धाम की प्राप्ति होती है। ज्योतिष शास्त्र में इस मास के दौरान कुछ बातों का ध्यान रखने की बात कही गई है। आइए जानें इस मास का क्या महत्व है और इसमें क्या काम करना चाहिए और क्या नहीं ?

मार्गशीर्ष मास के दौरान क्या करें?

  • अगहन में रोज पवित्र नदियों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है।
  • इसमें ॐ नमो भगवते वासुदेवाय या ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप और भगवद्गीता का पाठ करना चाहिए।
  • मार्गशीर्ष मास में भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करनी चाहिए और शुद्ध-सात्विक भोजन करना चाहिए।
  • इस मास में सुबह-शाम मंदिर जाएं, घर की उत्तर दिशा, तुलसी के पास दीपक जरूर जलाएं।
  • मार्गशीर्ष मास में गरीब व जरूरतमंद लोगों की मदद करना अत्यंत फलदायी माना जाता है।
  • मार्गशीर्ष मास में अपने वचन, कर्म और मन से शुद्ध रखें और धार्मिक किताबें पढ़ें।

मार्गशीर्ष मास का महत्व

मार्गशीर्ष मास के महत्व का बखान खुद भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में इस तरह किया है, मासानां मार्गशीर्षोऽहम्। अर्थात मैं महीनों में मार्गशीर्ष मास हूं। इस महीने को स्वयं भगवान का स्वरूप माना जाता है। इस समय साधना, दान, व्रत और भक्ति का कई गुना अधिक फल प्राप्त होता है। इस महीने सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नान, ध्यान और गायत्री जप करने से पाप नष्ट होते हैं। मार्गशीर्ष मास का पालन केवल धार्मिक कर्तव्य नहीं बल्कि आत्मोन्नति और ईश्वर-संयोग का काल है।


मार्गशीर्ष मास में ना करें ये काम

  • मार्गशीर्ष मास में जीरे का सेवन भी वर्जित बताया गया है इसलिए भोजन में जीरे का प्रयोग ना करें।
  • इस मास में मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज का सेवन करने से बचना चाहिए।
  • मार्गशीर्ष मास में बासी या ठंडा भोजन करने से बचना चाहिए और हमेशा ताजी चीजों का ही सेवन करें।
  • मार्गशीर्ष मास में झूठ बोलना, किसी का दिल दुखाना, क्रोध, घमंड, चोरी-डकैती जैसी चीजें नहीं करनी चाहिए।
  • इसमें किसी की बुराई या चुगली करने से बचना चाहिए और पूरा ध्यान अपने काम पर देना चाहिए।

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