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Hariyali Teej 2025: सिर्फ परंपरा नहीं, इसलिए भी है हरी चूड़ियों का महत्व

Hariyali Teej 2025: हरियाली तीज का त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत और नेपाल में मनाया जाता है। यह पर्व माता पार्वती और भगवान शिव के मिलन का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाओं द्वारा हरे रंग की चीजों के उपयोग की परंपरा है। जानिए इसकी वजह

अपडेटेड Jul 25, 2025 पर 11:24
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Hariyali Teej 2025: हिंदू धर्म में सावन मास का अहम स्थान है। महादेव को समर्पित यह माह आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नजरिये से अलग स्थान रखता है। इस माह में कई व्रत और त्योहार आते हैं, जिन्हें भक्तिभाव और उत्साह के साथ मनाने की परंपरा रही है।

सावन मास में आता है हरियाली तीज का त्योहार, जिसे शादीशुदा और अविवाहित महिलाएं दोनों बड़े उल्लास और श्रद्धा के साथ मनाती हैं। यह त्योहार मुख्य रूप से उत्तर भारत और नेपाल में मनाया जाता है। यह पर्व माता पार्वती और भगवान शिव के मिलन का प्रतीक माना जाता है। मॉनसून के दौरान मनाया जाने वाला ये पर्व प्रेम, समर्पण और वैवाहिक संपन्नता का प्रतीक है। (Photo : Internet)

इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन की कामना करते हुए दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और खास पूजा-पाठ करती हैं। इस साल हरियाली तीज 27 जुलाई, रविवार को मनाई जाएगी। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, तीज भगवान शिव और देवी पार्वती के दिव्य मिलन का प्रतीक है। ऐसा माना जाता है कि पार्वती ने शिव का प्रेम और स्वीकृति पाने के लिए वर्षों तक घोर तपस्या और अटूट भक्ति की थी। उनके समर्पण से अभिभूत होकर, भगवान शिव ने अंततः उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार किया। (Photo : Internet)

इस दिन महिलाओं द्वारा हरे रंग की चीजों के उपयोग की परंपरा है, जैसे हरे रंग की साड़ी या सूट और हरे रंग की चूड़ियां। आइए जानते हैं इस त्योहार पर हरे रंग की चूड़ी पहनने की परंपरा क्यों है ? (Photo : Internet)

हरा रंग नई शुरुआत, संपन्नता, आपसी प्रेम और फर्टिलिटी का प्रतीक होता है, इसलिए हरियाली तीज पर इस रंग का विशेष महत्व है। इन सभी बातों का प्रकृति और मॉनसून के मौसम के साथ तालमेल है। हरियाली तीज में ‘हरियाली’ शब्द का अर्थ भी चारों तरफ फैली प्रकृति की हरियाली और नई शुरुआत से है, जो बारिश का मौसम लेकर आता है। (Photo : Internet)

हरियाली तीज 2025 के दिन पूजा की तैयारी सूरज उगने के साथ शुरू हो जाती है। इस दिन महिलाएं स्नानादि के बार हरे या लाल रंग के कपड़े पहनती हैं, महंदी लगाती हैं और रंग-बिरंगी चूड़ियों के साथ पूरा श्रंगार करती हैं। (Photo : Internet)

एक साफ स्थान पर माता पार्वती की मूर्ति या तस्वीर रखें। इस पर फूल, मिठाई और नारियल चढ़ाने के बाद दीपक जलाकर पूजा शुरू करें। (Photo : Internet)

इस दिन बहुत सी विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए निर्जला व्रत रखती हैं, जबकि अविवाहित लड़कियां अच्छा जीवनसाथी पाने की उम्मीद में उपवास रखती हैं। (Photo : Internet)

इस दिन परिवार और आस-पड़ोस की महिलाओं के साथ मिलकर पूरे दिन को हंसी-खुशी के साथ बिताती हैं, नाचती-गाती हैं और झूला झूलती हैं। तीज का ये उत्सव शाम की आरती और प्रसाद बांटने के साथ संपन्न होता है। यह भक्ति, शक्ति और स्त्रीत्व का उत्सव है। (Photo : Internet)

हरियाली तीज का त्योहार द्रिक पंचांग के अनुसार 27 जुलाई, रविवार को मनाया जाएगा। इसके लिए शुभ तृतीया तिथि का आरंभ 26 जुलाई को रात 10:41 बजे होगा और ये 27 जुलाई को रात्रि 10:41 बजे समाप्त होगी। (Photo : Internet)

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इसलिए खास है इस बार की तीज : हरियाली तीज पर सिंह राशि में मंगल और चंद्रमा की युति होगी, जिससे महालक्ष्मी राजयोग का निर्माण होगा। इससे मिथुन राशि और सिंह राशि वालों को करियर सहित नौकरी में अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है। साथ ही रिश्तों में भी कई सकारात्मक बदलाव आने की संभावनाएं हैं।(Photo : Internet)