भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाने वाला हरतालिका तीज का व्रत सुहागिन महिलाओं और कुंवारी कन्याओं दोनों के लिए अत्यंत पावन पर्व माना जाता है। इस वर्ष यह पर्व 26 अगस्त, मंगलवार को पड़ रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत के प्रभाव से विवाहित स्त्रियों को अखंड सौभाग्य, सुख-समृद्धि और दीर्घ वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है। वहीं, अविवाहित कन्याएं ये व्रत मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए करती हैं। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है और भक्त पूरे दिन व्रत का पालन करते हैं।
हरतालिका तीज केवल वैवाहिक सुख का ही प्रतीक नहीं, बल्कि स्त्री-शक्ति और अटूट समर्पण का उत्सव भी है। इस पर्व पर उपवास, कथा वाचन और भक्ति भाव से किए गए पूजन से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और खुशहाली का संचार होता है, जिससे पारिवारिक संबंध और भी मजबूत बनते हैं।
हरतालिका तीज का विशेष योग
इस बार रवि योग, साध्य योग और शुभ योग के संयोग ने इस पर्व का महत्व और भी बढ़ा दिया है। खास बात ये है कि रवि योग पूरे दिन रहेगा, जिससे पूजा का प्रभाव और अधिक शुभफलदायी होगा।
हरतालिका तीज पर ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04:27 से 05:12 बजे तक रहेगा। हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को पूजा-पाठ और ध्यान-साधना के लिए अत्यंत पवित्र समय माना गया है।
पूजन का शुभ मुहूर्त और प्रदोष काल
प्रातः पूजन मुहूर्त – सुबह 05:56 से 08:31 बजे तक (कुल अवधि 2 घंटे 35 मिनट)
प्रदोष काल पूजा मुहूर्त – शाम 06:49 से 07:11 बजे तक
हरतालिका तीज के दिन विशेष शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:57 बजे से दोपहर 12:48 बजे तक रहेगा। इसके बाद विजय मुहूर्त दोपहर 2:31 बजे से 3:23 बजे तक रहेगा। शाम के समय सायाह्न संध्या का शुभ योग 6:49 बजे से 7:56 बजे तक रहेगा।
हरतालिका तीज के दिन राहुकाल दोपहर 03:36 से शाम 05:13 बजे तक रहेगा। इस दौरान पूजा-अर्चना व शुभ कार्य करने से बचना चाहिए, क्योंकि राहुकाल को अशुभ माना जाता है।
डिस्क्लेमरः इस लेख में दी गई सामग्री जानकारी मात्र है। हम इसकी सटीकता, पूर्णता या विश्वसनीयता का दावा नहीं करते। कृपया किसी भी कार्रवाई से पहले विशेषज्ञ से संपर्क करें।