Hartalika Teej 2025: यह व्रत हिंदू धर्म में अखंड सौभाग्य की कामना से रखा जाता है। इस उपवास को शादीशुदा महिलाएं पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं, जबकि अविवाहित कन्याएं भगवान शिव जैसा वर पाने के लिए यह व्रत करती हैं। इस व्रत में भगवान शिव और मां पार्वती की हाथ से मूर्ति बनाकर पूजा की जाती है। इस व्रत का हिंदू धर्म में विशेष स्थान है, क्योंकि यह व्रत तृतीया तिथि के सूर्योदय से चतुर्थी तिथि के सूर्योदय तक निर्जला किया जाता है।
यह पर्व हर साल भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को किया जाता है। इस साल हरतालिका तीज का व्रत आज, यानी 26 अगस्त को किया जाएगा। बता दें, तृतीया तिथि 25 अगस्त को दोपहर 12.34 बजे से लग चुकी है, जो 26 अगस्त को दोपहर 01.54 बजे तक रहेगी। 26 अगस्त को उदया तिथि होने की वजह से इस दिन हरतालिका तीज का व्रत रखा जाएगा।
हरतालिका तीज के व्रत का पारण 27 अगस्त को चतुर्थी तिथि पर सूर्योदय के बाद किया जाएगा। इस दिन की पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5:56 बजे से 8:31 बजे तक रहेगा। यानी पूजा के लिए लगभग 2 घंटे 35 मिनट का समय मिलेगा।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, इस बार हरतालिका तीज पर चार दुर्लभ संयोग बन रहे हैं, जिससे यह व्रत आध्यात्मिक और ज्योतिष दृष्टि से अत्यंत फलदायी माना जा रहा है। मान्यता है कि ऐसे योगों में व्रत रखने पर इसका प्रभाव और पुण्य कई गुना बढ़ जाता है। इस बार चार बन रहे चार शुभ योग हैं, सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, गजकेसरी योग, पंचमहापुरुष योग।
इस बार हरतालिका तीज के व्रत पर सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग, गजकेसरी योग, पंचमहापुरुष योग बन रहे हैं। इसमें से सर्वार्थ सिद्धि योग हर कार्य को सफल बनाने वाला माना जाता है और यह जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर कर इच्छित फल देता है। वहीं, शोभन योग को व्रत, पूजा, विवाह, और गृह प्रवेश जैसे हर प्रकार के शुभ कामों के लिए आदर्श माना गया है। गजकेसरी योग को ज्योतिष में अत्यंत प्रभावशाली योग माना गया है। यह योग चंद्रमा और गुरु की युति से बनता है और बुद्धि, प्रतिष्ठा, सौभाग्य और सम्मान बढ़ाता है। इसके अलावा आज पंचमहापुरुष योग बन रहा है, जिसे सबसे प्रभावशाली माना जाता है। यह ग्रहों के विशेष स्थान पर होने से बनता है। यह योग साधक को उच्च स्थान, दीर्घायु और विशेष फल देता है।