Credit Cards

Hindu New Year 2025: नववर्ष की पूजा में इन विशेष सामग्रियों का करें इस्तेमाल, मिलेगा शुभ फल

Hindu New Year 2025: हिंदू नववर्ष 30 मार्च 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन विशेष पूजा सामग्री का उपयोग करना अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इससे पूरे वर्ष सुख, शांति और समृद्धि बनी रहती है। सही विधि से पूजा कर नए साल की सकारात्मक ऊर्जा को आमंत्रित करें

अपडेटेड Mar 26, 2025 पर 9:53 AM
Story continues below Advertisement
Hindu New Year 2025: वर्ष के पहले दिन गणपति और मां लक्ष्मी की आराधना से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है।

हिंदू नववर्ष का पहला दिन हर हिंदू के लिए विशेष महत्व रखता है। ये केवल एक कैलेंडर की नई शुरुआत नहीं, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा, नई उम्मीदों और आध्यात्मिक जागृति का प्रतीक है। इस साल हिंदू नववर्ष 30 मार्च 2025 से प्रारंभ हो रहा है, और इसकी महिमा अपरंपार मानी जाती है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस दिन पूजा-पाठ, हवन और दान जैसे शुभ कार्य करता है, उसके लिए पूरा वर्ष मंगलमय और समृद्धि से भरा रहता है। इस दिन सूर्य देव, गणपति-लक्ष्मी, दुर्गा मां और कुल देवी-देवताओं की पूजा का विशेष महत्व होता है।

वहीं, गुड़ी पड़वा और चैत्र नवरात्रि का प्रारंभ भी इसी दिन होता है, जिससे इसका धार्मिक प्रभाव और अधिक बढ़ जाता है। अगर आप चाहते हैं कि पूरा वर्ष सुख-समृद्धि और सफलता से भरा हो, तो इस शुभ दिन को विशेष तरीके से मनाएं और अपनी आस्था का प्रकाश फैलाएं।

धार्मिक अनुष्ठान और विशेष पूजन


हिंदू नववर्ष के प्रथम दिन अनेक धार्मिक अनुष्ठान संपन्न किए जाते हैं। ये न केवल ईश्वरीय कृपा प्राप्त करने के लिए आवश्यक होते हैं, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक शुद्धि के लिए भी लाभकारी माने जाते हैं।

सूर्य पूजा – इस दिन सूर्य देव की आराधना से वर्षभर ऊर्जा, सकारात्मकता और सफलता प्राप्त होती है। इसके लिए जल, तांबे का कलश, कुमकुम, चावल, लाल फूल और लाल चंदन की आवश्यकता होती है।

गणपति-लक्ष्मी पूजन – वर्ष के पहले दिन गणपति और मां लक्ष्मी की आराधना से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। पूजन सामग्री में फूल, फल, कमलगट्टा, मोदक, खीर, सिंदूर, कुमकुम, मौली, सिक्का, गंगाजल और दूर्वा का उपयोग किया जाता है।

हवन – घर की नकारात्मकता दूर करने और शुभता बनाए रखने के लिए हवन किया जाता है। इसके लिए गाय का घी, काला तिल, गुग्गुल, कपूर, लौंग, इलायची, आम की लकड़ी, बेल, नीम, पीपल का तना, ब्राह्मी, मुलैठी और शक्कर जैसी पवित्र वस्तुएं आवश्यक होती हैं।

गुड़ी पड़वा पूजन – महाराष्ट्र और दक्षिण भारत में नववर्ष का स्वागत गुड़ी पड़वा के रूप में किया जाता है। इस दिन घर के बाहर बांस की छड़ी पर लाल कपड़ा, आम और नीम के पत्ते तथा फूलों की माला लगाकर पूजन किया जाता है।

मां दुर्गा पूजा एवं घटस्थापना – हिंदू नववर्ष के साथ ही चैत्र नवरात्रि भी प्रारंभ होती है। घटस्थापना के लिए मिट्टी का कलश, आम, पीपल, बरगद, गूलर और उमर के पत्ते, साफ मिट्टी, जौ, मौली, रोली, अक्षत, सिक्का, लाल और सफेद कपड़ा, पंचामृत, इत्र, घी, गुड़, कपूर और नारियल आवश्यक होते हैं।

दान: पुण्य अर्जित करने का अवसर

हिंदू नववर्ष में दान का विशेष महत्व होता है। वर्ष 2025 के राजा सूर्य देव हैं, इसलिए इस दिन लाल वस्त्र, मसूर की दाल, लाल मिर्च, गुड़, मूंगफली और शहद का दान करने से विशेष फल प्राप्त होता है। ये दान न केवल ग्रहों को अनुकूल बनाता है, बल्कि जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

चैत्र नवरात्रि दिव्य संयोग और देवी कृपा

हिंदू नववर्ष के साथ ही चैत्र नवरात्रि 2025 का शुभारंभ भी हो रहा है। इस बार अद्भुत संयोग बन रहा है, जो भक्तों के लिए विशेष फलदायी सिद्ध होगा। माता दुर्गा की कृपा पाने के लिए नववर्ष पर घटस्थापना कर सच्चे मन से मां का पूजन करें। इस पावन पर्व पर पूजन सामग्री और शुभ मुहूर्त की जानकारी अवश्य प्राप्त करें ताकि देवी की कृपा सदा बनी रहे।

सूर्य सिद्धांत से दूर होगा पंचांग का भ्रम, अब पूरे देश में एक ही तिथि पर मनाए जाएंगे त्योहार

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।