Jagannath Rath Yatra 2025: देशभर में आज यानी शुक्रवार (27 जून) से भगवान जगन्नाथ की रथ यात्राएं निकाली जा रही हैं। ओडिशा के पुरी में शुक्रवार को रथ यात्रा उत्सव मनाया जाएगा। वार्षिक यात्रा के दौरान भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों को श्री जगन्नाथ मंदिर से पुरी के श्री गुंडिचा मंदिर तक खींचकर ले जाया जाता है। सभी अनुष्ठान पूरे होने के बाद शुक्रवार शाम 4 बजे भगवान बलभद्र, देवी सुभद्रा और भगवान जगन्नाथ के रथों को खींचने की प्रक्रिया शुरू होगी। इस कार्यक्रम में देश-विदेश से लाखों श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि गुरुवार शाम तक करीब एक लाख श्रद्धालु पुरी पहुंच चुके हैं। प्रशासन ने इस उत्सव के सुचारू आयोजन के लिए व्यापक तैयारी की है। भव्य उत्सव का हिस्सा बनने के लिए लाखों श्रद्धालु पुरी में इकट्ठा होते हैं। इस अवसर पर देश के दूसरे हिस्सों में भी इसी तरह की रथ यात्राएं निकाली जाती हैं। यह यात्रा कुल 12 दिनों तक चलती है। इस साल यह रथ यात्रा 27 जून यानी शुक्रवार से शुरू होकर 8 जुलाई तक चलेगी। शहर में करीब 10,000 सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है।
नागरिक और पुलिस प्रशासन चौकस हैं। एक अधिकारी ने बताया कि लाखों श्रद्धालुओं के इस वार्षिक उत्सव में शामिल होने की संभावना है। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरबिंद पाढी ने गुरुवार को पत्रकारों से कहा, "महाप्रभु (भगवान जगन्नाथ) की कृपा से हम शुक्रवार को सुचारू रूप से रथ यात्रा के आयोजन के लिए पूरी तैयारी कर चुके हैं। हमें सेवादारों से पूरा सहयोग मिल रहा है। इस भव्य आयोजन को सफल बनाने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।"
राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने पूरे विश्व में शांति, मैत्री एवं स्नेह के माहौल के लिए कामना की। मुर्मू ने X पर एक पोस्ट में कहा, "रथ यात्रा के अवसर पर मैं भारत और विदेश में रहने वाले महाप्रभु जगन्नाथ के भक्तों को हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं।"
उन्होंने कहा कि लाखों श्रद्धालु भगवान बलभद्र, भगवान जगन्नाथ, देवी सुभद्रा और चक्रराज सुदर्शन को रथ पर विराजमान देखकर दिव्य अनुभूति प्राप्त करते हैं। मुर्मू ने कहा, "इस पावन अवसर पर मेरी महाप्रभु श्री जगन्नाथ से प्रार्थना है कि पूरे विश्व में शांति, मैत्री और स्नेह का वातावरण बना रहे।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी शुक्रवार को भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के अवसर पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने X पर एक पोस्ट में इस अवसर पर सभी के लिए सुख, समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य की कामना की। भगवान जगन्नाथ की वार्षिक रथ यात्रा के लिए लाखों श्रद्धालु समुद्र तटीय तीर्थ नगरी पुरी में उमड़े हैं।
रस्सियों के भी होते हैं स्पेशल नाम
भगवान जगन्नाथ के तीनों रथों को खींचने वाली रस्सियों के स्पेशल नाम होते हैं। महाप्रभु के 16 पहियों वाले रथ को 'नंदीघोष' कहा जाता है। वहीं, रथ की रस्सी का नाम 'शंखाचुड़ा नाड़ी' है।भगवान बलभद्र के रथ में 14 पहिए होते हैं, जिसे 'तालध्वज' कहा जाता है। इसमें उनकी रस्सी को 'बासुकी' नाम से जाना जाता है। देवी सुभद्रा के रथ में 12 पहिए होते हैं। उसे 'दर्पदलन' कहा जाता है। जबकि उनकी रस्सी का नाम 'स्वर्णचूड़ा नाड़ी' है। ये रस्सियां को छूना भी बहुत बड़ा सौभाग्य माना जाता है। महाप्रभु के रथ को कोई भी खींच सकता है। इसमें किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होता।