Kailash Mansarovar Yatra : 5 साल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू हो रही है। लेकिन इसका खर्च चीन के कारण पहले के मुकाबले बढ़ गया है। प्रणव भाई त्रिवेदी और उनकी पत्नी का सालों से कैलाश मानसरोवर की यात्रा करने का सपना था। पिछले 5 सालों से चीन के कारण यह यात्रा बंद थी, लेकिन अब ये अगले महीने से फिर से शुरू हो रही है। लेकिन पहले के मुकाबले कैलाश मानसरोवर यात्रा का खर्च काफी बढ़ गया है। हालांकि बढ़े हुए खर्च को दरकिनार करते हुए प्रणव भाई जैसे यात्री कैलाश मानसरोवर जाने के लिए काफी उत्सुक हैं। कैलाश मानसरोवर यात्री प्रणव भाई त्रिवेदी का कहना है कि हमारी धारणा से खर्च ज़्यादा है लेकिन हमारा सपना पूरा करने के लिए हम मानसरोवर अवश्य जाएंगे।
भारतीय लोगों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा नाथुला और लिपुलेख के रास्ते से होती है। 21 से 24 दिन की यात्रा में तीसरे दिन ही चीन की सरहद में एंट्री हो जाती है, जो पवित्र मानसरोवर तक होती है। वीजा, लोकल सपोर्ट,रहना और खाना इन सब पर 30 फीसदी से लेकर 50 फीसदी तक इस बार चीन ने बढ़ोतरी कर दी है। पहले यात्रा पर प्रति व्यक्ति खर्च करीब 1 लाख 60 हजार रुपए तक आता था जो अब बढ़कर करीब 2 लाख 40 हजार से 3 लाख 30 हजार रुपए तक हो गया है। शक्ति ट्रैवल्स के डायरेक्टर जिगर दुदकिया का कहना है कि चीन ने इस बार फीस 50 फीसदी तक बढ़ा दी है।
चीन ने 17 से 20 हजार तक शुल्क बढ़ा दिया है। हालांकि लोगो का उत्साह इस बार बढ़ा है। लिपुलेख मार्ग से यात्रा पर इस बार 1.84 लाख रुपये खर्च होंगे, जिसमें 95 हजार चीन की फीस होगी। 2019 में 1.30 लाख रुपये खर्च होते थे। तब चीन का शुल्क 77 हजार रुपये था। दूसरी ओर नाथूला मार्ग से यात्रा की तैयारियां भी तेज हैं। इस मार्ग से यात्रा करने पर चीन प्रति यात्री 2.05 लाख रुपये वसूल करेगा। इस मार्ग से यात्रा पर कुल खर्च 2.84 लाख रुपये आएगा। दोनों मार्गों से 17000 से 25000 रुपये तक खर्चा बढ़ा है।
यात्रा के दौरान घोड़ा भाड़े पर लेने से प्रति व्यक्ति 36 हजार रुपए और सामान ढोने के लिए पोर्टर का 14 हजार रुपए अलग से लगते हैं। नेपाली हेल्पर की पहले फीस नहीं थी लेकिन उनके नाम पर भी अब चीन यात्रियों से ज्यादा पैसे ले रहा है।