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Karwa Chauth 2025: करवा चौथ की पूजा की थाली में जरूर रखें ये 5 चीजें, इनके बिना अधूरी है पूजा

Karwa Chauth 2025: करवा चौथ का व्रत पति-पत्नी के रिश्ते की मजबूती और विश्वास का प्रतीक माना जाता है। दिन पूजा की थाली में कुछ चीजों का होना बेहद जरूरी माना जाता है। इन चीजों के बिना करवा चौथ की पूजा को पूर्ण नहीं माना जाता है। आइए जानें क्या हैं ये चीजें

अपडेटेड Oct 06, 2025 पर 7:46 PM
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इस दिन पूजा की थाली में कुछ चीजें जरूर होनी चाहिए, इन के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।

Karwa Chauth 2025: कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाने वाला करवा चौथ का व्रत बस आने वाला है। ये व्रत हिंदू धर्म के प्रमुख व्रत-त्योहारों में से एक है। इस दिन भगवान गणेश, मां पार्वती, भगवान शिव, चंद्र देव और करवा माता की पूजा की जाती है। इस साल ये व्रत 10 अक्टूबर के दिन किया जाएगा। करवा चौथ के दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरे दिन बिना कुछ खाए और पिए व्रत करती हैं। चंद्रमा की पूजा कर, उन्हें अर्घ्य देती हैं और उसके बाद पति के हाथ से पानी पीकर व्रत का पारण करती हैं।

ये व्रत सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान नहीं है, बल्कि ये पति-पत्नी के रिश्ते में एक-दूसरे के प्रति सम्मान और प्रेम का अनूठा संगम है। ये व्रत पति-पत्नी के रिश्ते में विश्वास और समर्पण का प्रतीक माना जाता है। इस दिन महिलाएं अपने सुखी दांपत्य जीवन और पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं। इस दिन जो पूजा की थाली पत्नियां तैयार करती हैं, उसमें कुछ चीजों का होना बहुत जरूरी होता है। इन चीजों के बिना करवा चौथ की पूजा अधूरी मानी जाती है। आइए जानते हैं इन चीजों के बारे में

10 अक्टूबर को है करवा चौथ

पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि 9 अक्तूबर की रात 10:54 बजे से शुरू होकर 10 अक्तूबर की शाम 7:38 बजे तक रहेगी। उदया तिथि को देखते हुए इस साल करवा चौथ का व्रत शुक्रवार, 10 अक्तूबर 2025 को मनाया जाएगा।

पूजा का शुभ मुहूर्त

सुबह 5:16 बजे से शाम 7:11 बजे तक


चंद्रमा का उदय

करवा चौथ का चांद रात 08.13 बजे नजर आएगा। हालांकि अलग-अलग जगहों पर करवा चौथ का चांद दिखने का समय भी अलग हो सकता है।

करवा

करवाचौथ की पूजा की थाली में करवा सबसे जरूरी होता है। करवा मिट्टी, तांबे या किसी अन्य धातु का छोटा कलश होता है। इसमें जल भरा जाता है, जिससे चंद्रमा को अर्घ्य दिया जाता है। करवा शुभता और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इसलिए करवा चौथ की पूजा की थाली में यह बहुत महत्वपूण होता है।

छलनी

करवा चौथ के दौरान छलनी का बहुत महत्व होता है। महिलाएं छलनी से चांद को देखने के बाद अपने पति को देखती हैं। इस तरह उनका व्रत पूर्ण माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि छलनी में हजारों छेद पति की लंबी उम्र और ढेरों आशीर्वादों का प्रतीक हैं।

सिंदूर

सिंदूर को भारतीय संस्कृति में सुहागिन महिलाओं के सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। करवा चौथ की पूजा में सिंदूर का होना अनिवार्य है। पूजा के समय महिलाएं अपनी मांग में सिंदूर भरती हैं और इसे देवी-देवताओं को अर्पित करती हैं।

दीया

करवा चौथ की थाली में आटे का दीया का होना भी बेहद जरूरी है। इस पूजा में महिलाएं छलनी पर दीया रखती हैं और उसमें से अपने पति को देखती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, दीये की रोशनी रिश्तों के अंधेरे को दूर कर उन्हें प्यार और विश्वास से भर देती है।

रोली, हल्दी और अक्षत

करवा चौथ की पूजा की थाली में रोली, हल्दी और अक्षत को जरूर होना चाहिए। माना जाता है कि ये देवी-देवताओं को अर्पित करने से उनका आशीर्वाद मिलता है। पति को तिलक लगाने के लिए भी ये जरूरी है। अक्षत शुभता और समृद्धि का प्रतीक है। चंद्रमा को अर्घ्य देते समय उन्हें अक्ष्त भी अर्पित किया जाता है।

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