Credit Cards

Parivartini Ekadashi 2025: 3 सितंबर को रखा जाएगा व्रत, इस दिन बन रहे तीन शुभ योग

Parivartini Ekadashi 2025: इस एकादशी तिथि को डोल ग्यारस, जलझूलनी एकादशी जैसे कई नामों से जाना जाता है। माना जाता है कि इस एक दिन का व्रत करने से तीनों लोकों की पूजा का फल मिल जाता है। इस साल ये व्रत 3 सितंबर के दिन रखा जाएगा और इस दिन तीन शुभ योगों का भी निर्माण हो रहा है।

अपडेटेड Aug 29, 2025 पर 12:09 PM
Story continues below Advertisement
इस बार परिवर्तनी एकादशी के व्रत में तीन उत्तम योगों का निर्माण हो रहा है।

Parivartini Ekadashi 2025: हिंदू धर्म में परिवर्तनी एकादशी व्रत बहुत महत्व रखता है, क्योंकि इस दिन को देव उठनी एकादशी की पूर्व संध्या भी कहा जाता है। इस एकादशी के व्रत से ब्रह्मा, विष्णु सहित तीनों लोकों की पूजा के समान पुण्य मिलता है। यह एकादशी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल ये व्रत 3 सितंबर, 2025 को बुधवार के दिन किया जाएगा। इस एकादशी को डोल ग्यारस, जलझूलनी और पद्मा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है।

मान्यता है कि, इस दिन भगवान विष्णु योग निद्रा में रहते हुए करवट बदलते हैं। इस बार की परिवर्तनी एकादशी तिथि दुर्लभ मानी जा रही है, क्योंकि इस दिन आयुष्मान योग, सौभाग्य योग और रवि योग का निर्माण हो रहा है। परिवर्तिनी एकादशी के व्रत का पारण 4 सितंबर को दोपहर में 1.36 बजे से शाम 4.07 बजे के बीच कर सकते हैं। इस दिन पूर्वाषाढ़ नक्षत्र सुबह से लेकर रात 11.08 बजे तक है। उसके बाद से उत्तराषाढा नक्षत्र लगेगा। आइए जानें इस व्रत की पूजा विधि, मुहूर्त और सही तारीख।

परिवर्तनी एकादशी तारीख

पंचांग के अनुसार, परिवर्तिनी एकादशी भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की एकादशी की शुरूआत 3 सितंबर बुधवार को सुबह 3.53 बजे होगी। यह 4 सितंबर गुरुवार को सुबह 4.21 बजे तक मान्य रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर परिवर्तिनी एकादशी का व्रत और पूजा 3 सितंबर बुधवार को की जाएगी।

शुभ मुहूर्त


  • ब्रह्म मुहूर्त : सुबह 04.30 बजे से 05.15 बजे तक
  • लाभ-उन्नति मुहूर्त : सुबह 06.00 बजे से 07.35 बजे तक
  • अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त : सुबह 07.35 बजे से 09.10 बजे तक

इस समय न करें पूजा

भद्रा काल : परिवर्तिनी एकादशी के दिन भद्रा का वास पाताल लोक में है। परिवर्तिनी एकादशी पर भद्रा का प्रारंभ शाम को 4.12 बजे से हो रहा है। यह अगले दिन 4 सितंबर को सुबह 4.21 बजे तक है।

राहु काल : परिवर्तिनी एकादशी पर राहुकाल दोपहर में 12.20 बजे से शुरू होगा, जो दोपहर में 01.55 मिनट तक है।

3 योगों का शुभ समय

  1. आयुष्मान योग : सुबह से लेकर शाम 4.17 बजे तक है
  2. सौभाग्य योग : शाम 4.17 बजे के बाद से पूरी रात रहेगा
  3. रवि योग : सुबह 06:00 बजे से रात 11.08 बजे तक रहेगा

Santan Saptami 2025: आज रात से लगेगी सप्तमी, कल उदया तिथि में रखा जाएगा व्रत

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।