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Pitra Paksha 2025: ऑनलाइन करना चाहते हैं पिंडदान, जानें ये माना जाएगा या नहीं?

Pitra Paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्व है। लेकिन आज समय की कम से लोग हर चीज ऑनलाइन करने लगे हैं। इसमें श्राद्ध भी शामिल हो गया है। अगर आप भी अपने पूर्वजों का श्राद्ध ऑनलाइन करने के बारे में सोच रहे हैं, तो पहले जान लें कि ये माना भी जाएगा या नहीं?

MoneyControl Newsअपडेटेड Sep 10, 2025 पर 3:01 PM
Pitra Paksha 2025: ऑनलाइन करना चाहते हैं पिंडदान, जानें ये माना जाएगा या नहीं?
पितरों के लिए किया जाने वाला पिंडदान सिर्फ सिर्फ धार्मिक स्थलों पर करना चाहिए।

Pitra Paksha 2025: हिंदू धर्म में पितृ पक्ष के महत्व से हम सभी वाकिफ हैं। इसके 15-16 दिनों की अवधि में लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, पिंडदान और तर्पण आदि करते हैं। इस अवधि में गया जी, काशी या हरिद्वार जैसे पवित्र धार्मिक स्थलों में पिंडदान का बहुत महत्व माना जाता है। हालांकि घर पर श्राद्ध कर्म और दान ब्राह्मण की मदद से किए जा सकते हैं। सही विधि-विधान का पालन करने से ही पितरों को तृप्ति और शांति मिलती है।

लेकिन आज के दौर में जब सब चीजें ऑनलाइन होने लगी हैं और लोग घर बैठे बस कुछ क्लिक से कुछ भी ऑर्डर कर लेते हैं या दूर बैठे अपने परिजनों बात कर लेते हैं। कुछ तो समय की कमी हो गई है और कुछ तकनीक की तरक्की इसके लिए जिम्मदार है। अब लोग पितरों का पिंडदान भी ऑनलाइन करने लगे हैं। अगर आप भी ऐसा ही कुछ करना चाहते हैं, तो पहले ये जानना जरूरी है कि ऑनलाइन पिंडदान मान्य है भी या नहीं?

धार्मिक स्थलों पर किया गया पिंडदान ही मान्य

इस विषय पर ज्योतिष आचार्य पंडित योगेश चौरे ने न्यूज 18 को बताया कि पितरों के लिए किया जाने वाला पिंडदान काशी या गया जी जैसे किसी पवित्र स्थल पर जाकर ही सही ढंग से किया जा सकता है। ऑनलाइन पिंडदान की धारणा पूरी तरह से गलत है। घर पर या ऑनलाइन माध्यम से पिंडदान मान्य नहीं है। श्राद्ध से जुड़े कुछ अन्य पूजन कार्य घर पर किए जा सकते हैं। ऑनलाइन श्राद्ध सिर्फ ब्राह्मणों से जुड़ने का जरिया है। पिंडदान जैसे प्रमुख अनुष्ठान किसी धार्मिक स्थल पर करने से ही पितरों तक वो पहुंचता है और उन्हें शांति मिलती है।

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