हिंदु धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सावन का महीना महादेव और माता पार्वती को समर्पित माना जाता है। इस माह में भोलेनाथ की कृपा पाने के लिए लोग उपवास करते हैं, विशेष पूजा और दान करते हैं। इस साल 11 जुलाई से Sawan 2025 मास शुरू हो रहा है। लेकिन इससे पहले शुक्र ग्रह का रोहिणी नक्षत्र में गोचर हो रहा है। ग्रहों के गोचर का ज्योतिष में बहुत महत्व माना जाता है। शुक्र को सौंदर्य, प्रेम और फर्टिलिटी के लिए जाना जाता है। इस गोचर के साथ सावन की शुरुआत दुर्लभ तालमेल बनाती है, जो राशियों के जीवन में रोमांस आने और संतानोत्पत्ति का संकेत देता है। आइये जानते हैं इन राशियों के बारे में
वृषभ राशि का स्वामी शुक्र है, इसलिए यह स्वाभाविक रूप से रोहिणी की ऊर्जा के अनुकूल है। सावन 2025 के दौरान, जब शुक्र अपने ही नक्षत्र में गोचर करेगा, वृषभ राशि वालों में रोमांटिक आकर्षण देखने को मिल सकता है। इस दौरान मौजूदा रिश्तों में गर्मजोशी, रोमांस और स्टेबिलिटी आती है। अविवाहित वृषभ राशि वालों को अपना जीवनसाथी मिल सकता है।
सिंह (23 जुलाई - 22 अगस्त)
इस गोचर से सिंह राशि वालों में अद्भुद बदलाव देखने को मिलेगा। शुक्र का आकर्षण सिंह राशि वालों के अभिमान को कम कर उसे गर्मजोशी में बदल सकता है। इससे उनके साथ कला या रोमांस में क्रिएटिव साझेदारी के मौके बन सकते हैं। सावन समर्पण की शिक्षा देता है, इसी तरह सिंह राशि वाले अपना अहंकार कम कर भावनात्मक साझेदारी को गहरा बना सकते हैं।
तुला राशि का स्वामी भी शुक्र है और सावन में शुक्र का रोहिणी में गोचर, संबंधों की अपार संभावनाएँ प्रदान करता है। दिसंबर से फरवरी के बीच जन्मे तुला राशि वालों के लिए रुकावटें, पुरानी शिकायतें दूर होंगी, जिससे संतुलित भावनात्मक माहौल बनेगा और पेंटिंग, म्यूजिक, नृत्य और डिजाइन के क्षेत्र में काम करने के दौरान बने प्रेम संबंध गहरे होंगे।
कर्क राशि का स्वामी चंद्रमा और रोहिणी नक्षत्र का चंद्रमा से गहरा जुड़ाव है। सावन 2025 के दौरान प्रेम भावनात्मक और आध्यात्मिक रूप से गहरा होता है। सावन में शिवलिंग पर साथी के साथ बेलपत्र चढ़ाने से संबंधों में मधुरता बढ़ती है और प्रेम का बंधन मजबूत होता है। अविवाहित कर्क राशि वालों को मंदिर दर्शन या आध्यात्मिक समारोहों में किसी खास के मिलने की अनुभूति हो सकती है।
कन्या (23 अगस्त - 22 सितंबर)
सावन में रोहिणी में शुक्र का गोचर कन्या राशि के जातकों को खास भावनात्मक आर्शीवाद देता है। इस राशि वालों को सोमवार को शिव जी के सामने दीपक जलाना, हल्का ध्यान लगाना, या भोलेनाथ को हल्दी-चंदन का लेप चढ़ाने अनुष्ठान में हिस्सा लेना चाहिए। अविवाहित जातकों के लिए, यह गोचर आत्मिक संबंधों के प्रति आकर्षण बढ़ाने वाला है।