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Surya Grahan 2025: साल के पहले सूर्य ग्रहण की तारीख आ गई बेहद नजदीक, जानें सूतक काल और कहां-कहां दिखेगा

Surya Grahan 2025: साल 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को लगेगा। धार्मिक दृष्टि से सूर्यग्रहण एक अशुभ घटना मानी गई है। सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं किया जाता है। इसका सूतक काल सूर्य ग्रहण लगने के 12 घंटे पहले शुरू हो जाता है। भारतीय समय के मुताबिक, यह दोपहर 2:21 बजे से शाम 6:14 बजे तक रहेगा

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 21, 2025 पर 8:53 AM
Surya Grahan 2025: साल के पहले सूर्य ग्रहण की तारीख आ गई बेहद नजदीक, जानें सूतक काल और कहां-कहां दिखेगा
Surya Grahan 2025: साल 2025 का पहला सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। यह उत्तरी ब्राज़ील, फिनलैंड, जर्मनी, फ्रांस में दिखाई देगा।

चैत्र अमावस्या के दिन साल का पहला सूर्य ग्रहण (First Solar Eclipse 2025) लगने वाला है। हिंदू धर्म में सूर्य ग्रहण का विशेष धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व होता है। इसे शुभ नहीं माना जाता, और इस दौरान कई नियमों का पालन किया जाता है। हालांकि, इसे आध्यात्मिक रूप से शक्ति प्राप्त करने का अवसर भी माना जाता है। सूर्य ग्रहण के दौरान किसी भी तरह का शुभ कार्य पूजा पाठ आदि जैसे काम नहीं किए जाते हैं। सूर्य ग्रहण से पहले हाल ही इस साल का पहला चंद्रग्रहण भी लगा था।

साल का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च शनिवार के दिन लगेगा। यह आंशिक सूर्यग्रहण होगा। सूर्य ग्रहण की शुरुआत भारतीय समय के मुताबिक, दोपहर 2.20 बजे से होगी। यह शाम 6.16 बजे तक रहेगा। हालांकि, यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। लिहाजा सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ग्रहण के शुरू होने के 12 घंटे पहले सूतक काल लग जाता है। भारतीय समय अनुसार, इस ग्रहण का सूतक काल 28 मार्च की मध्य रात्रि 2 बजकर 20 मिनट पर लग जाएगा।

कब लगता है सूर्य ग्रहण?

विज्ञान के अनुसार, चंद्रमा पृथ्वी के चारों ओर एक कक्षा में परिक्रमा करता है। इसी समय पृथ्वी भी सूर्य की परिक्रमा करती है। परिक्रमा के दौरान कभी-कभी चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है। उस समय पृथ्वी पर सूर्य का प्रकाश न पड़कर चंद्रमा की परछाई नजर आने लगती है। इसी स्थिति को सूर्य ग्रहण कहा जाता है। खगोलशास्त्र और विज्ञान में इसे ही सूर्य ग्रहण कहते हैं। सूर्य ग्रहण हमेशा अमावस्या के दिन ही लगता है। इसकी वजह ये है कि अमावस्या में चंद्रमा पृथ्वी के कक्षीय समतल के निकट होता है। सूर्य ग्रहण तीन प्रकार के होते हैं। आंशिक सूर्य ग्रहण, वलयाकार सूर्य ग्रहण और पूर्ण सूर्य ग्रहण।

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