Tulsi Vivah 2025: हिंदू धर्म में तुलसी विवाह का बहुत महत्व है। इस दिन तुलसी जी की शालिग्राम भगवान के साथ विवाह होता और चार माह से स्थगित चल रहे मांगलिक कार्य फिर से शुरू हो जाते हैं। भगवान विष्णु अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी पर हर साल योग निद्रा में चले जाते हैं। इस दौरान धरतीवासियों के लिए मांगलिक कार्य प्रतिबंधित रहते हैं। भगवान विष्णु कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को योग निद्रा से जागते हैं संसार के संचालन का कार्यभार फिर से संभालते हैं। इसके अगले दिन कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को भगवान विष्णु और माता तुलसी का विवाह कराया जाता है। इसे सनातन परंपरा में कन्यादान के बराबर पुण्यकारी माना गया है। तुलसी को माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। इस दिन श्रद्धापूर्वक इनका विवाह कराने से वैवाहिक जीवन में सौहार्द्र, प्रेम और स्थिरता प्राप्त होती है। यह अनुष्ठान घर में सुख-समृद्धि और सकारात्मक ऊर्जा के संचार को भी बढ़ाता है।
