Akshay Navami Vrat Katha: कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवला नवमी या अक्षय नवमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ ही आंवले के पेड़ की भी पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस पेड़ पर भगवान विष्णु और भगवान शिव का वास होता है। इसलिए आंवला नवमी के दिन आंवले के पेड़ के नीचे पूजा करना, व्रत कथा का पाठ करना या सुनना और इसके नीचे भोजना करने का बहुत महत्व है। आंवले की छाया में किया गया हर शुभ कार्य करोड़गुना पुण्य प्रदान करता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की भी पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन आंवले के स्मरण मात्र से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त हो जाती है। इसलिए आंवले के फल का सेवन और पूजन हर व्यक्ति के लिए कल्याणकारी माना गया है। यह वृक्ष भगवान विष्णु को अतिप्रिय है और पापों का नाश करने वाला भी। इस दिन जो व्यक्ति आंवले के वृक्ष की पूजा करता है, उसे समस्त कामनाओं की सिद्धि प्राप्त होती है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की नवमी के दिन से जुड़ी स्कंदपुराण में वर्णित एक प्राचीन कथा आज के दिन सुनने से भगवान विष्णु की कृपा प्राप्त होती है।
