Utpanna Ekadashi 2025 Vrat: उत्पन्ना एकादशी पर बन रहे कई शुभ संयोग, जानें 15 या 16 नवंबर कब किया जाएगा व्रत?

Utpanna Ekadashi 2025 Vrat: उत्पन्ना एकादशी का व्रत सभी एकादशी तिथियों में बहुत अहम माना जाता है। ये व्रत अगहन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। इस साल इस दिन कई शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है। आइए जानें कब किया जाएगा उत्पन्ना एकादशी का व्रत

अपडेटेड Nov 14, 2025 पर 2:00 PM
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इस साल उत्पन्ना एकादशी तिथि 15 नवंबर की रात्रि 12 बजकर 49 मिनट पर प्रारंभ होगी।

Utpanna Ekadashi 2025 Vrat: उत्पन्ना एकादशी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत महत्व रखता है। ये व्रत हर साल मार्गशीर्ष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन एकादशी माता की उत्पत्ति हुई थी और उन्होंने भगवान विष्णु की मुर नाम के राक्षस से रक्षा की थी। पूरे साल एकादशी का व्रत रखने वाले भक्त इसी दिन से एकादशी व्रत का आरंभ करते हैं। उत्पन्ना एकादशी के व्रत में माता लक्ष्मी और भगवान श्री हरि विष्णु की पूजा की जाती है। माना जाता है कि सच्ची श्रद्धा के साथ इस व्रत को करने वाले भक्त को भगवान आरोग्य, संतान प्राप्ति और मोक्ष का वरदान देते हैं। पंचांग के अनुसार, इस साल इस व्रत के दिन कई शुभ संयोगों का निर्माण हो रहा है। आइए जानें उत्पन्ना एकादशी प्रत की तारीख और मुहूर्त के बारे में

15 या 16 नवंबर कब है उत्पन्ना एकादशी

इस साल उत्पन्ना एकादशी तिथि 15 नवंबर की रात्रि 12 बजकर 49 मिनट पर प्रारंभ होगी और 16 नवंबर की रात्रि को 2 बजकर 37 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के अनुसार, उत्पन्ना एकादशी का व्रत 15 नवंबर को किया जाएगा और 16 नवंबर को व्रत का पारण किया जाएगा। पारण का समय 16 नवंबर की दोपहर 1 बजकर 10 मिनट से 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।

उत्पन्ना एकादशी पर बनेंगे कई शुभ संयोग

इस साल उत्पन्ना एकादशी के दिन उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र रहेगा और विष्कुंभ योग के साथ अभिजीत मुहूर्त का साथ भी मिलेगा। ये तीनों संयोग मिलकर व्रत के फल को और भी शक्तिशाली बनाएंगे। इसके अलावा इस दिन पूजा के लिए ये मुहूर्त बहुत शुभ रहेंगे।

ब्रह्म मुहूर्त- सुबह के 4 बजकर 58 मिनट से लेकर 5 बजकर 51 मिनट तक रहेगा।


अभिजित मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 44 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक।

विजय मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर 53 मिनट से लेकर 2 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।

गोधूलि मुहूर्त- शाम के 5 बजकर 27 मिनट से लेकर 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।

अमृत काल मुहूर्त- दोपहर के 3 बजकर 42 मिनट से लेकर शाम के 5 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।

निशिता मुहूर्त- रात्रि के 11 बजकर 39 मिनट से 16 नवंबर की रात्रि 12 बजकर 39 मिनट तक।

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