एशिया कप के दूसरे मुकाबले में भारतीय गेंदबाजों ने यूएई की टीम को धराशायी कर दिया। यूएई के बल्लेबाज रन बनाने के लिए काफी मशक्त कर रहे थे। यूएई की पूरी टीम 13.1 ओवर में ही 57 रन पर सिमट गई। वहीं मैच के दौरान कप्तान सूर्यकुमार यादव ने खेल भावना की बेहतरीन मिशाल पेश किया। दरअसल भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने यूएई के बल्लेबाज जुनैद सिद्दीकी के खिलाफ स्टंपिंग की अपील वापस ले ली। इस पर काफी विवाद हो गया है। इस पर भारत के पूर्व भारतीय बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने भी अपना रिएक्शन दिया है।
पूर्व भारतीय बल्लेबाज आकाश चोपड़ा ने इस घटना पर अपना रिएक्शन देते हुए कहा कि अगर स्थिति अलग होती तो ऐसा नहीं होता। उन्होंने ईएसपीएनक्रिकइन्फो पर कहा, "मेरी नजर में यह इवेंट-स्पेसिफिक था। अगर पाकिस्तान के सलमान आगा 14 सितंबर को खेल रहे होते और मैच कड़ा मुकाबला होता, तो सूर्यकुमार ऐसा कदम नहीं उठाते। यह एक शानदार थ्रो था और संजू की समझदारी भरी कोशिश, जो सीधे स्टंप्स पर लगी।" आकाश चोपड़ा ने माना कि खेल की ईमानदारी के लिहाज से ऐसे कदम सराहनीय तो लगते हैं, लेकिन इससे आगे कई सवाल खड़े हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि अगर भारतीय कप्तान किसी और मैच में ऐसा फैसला नहीं लेते, तो उनके इस रवैये पर आलोचना हो सकती है।
इस मामले में सबकी राय अलग
उन्होंने कहा, "अगर बल्लेबाज क्रीज से बाहर था तो मेरी नजर में उसे आउट दिया जाना चाहिए था, हालांकि राय अलग हो सकती है। दिक्कत ये हैं कि जैसे ही आप नैतिकता और उदारता की बात करते हैं, सवाल उठने लगते हैं—‘आज तो आपने ऐसा किया, कल क्यों नहीं?’ इसलिए ऐसे रास्ते पर जाना मुश्किलें बढ़ा सकता है।" उन्होंने कहा, "क्या आप हमेशा ऐसा करेंगे? अगर हां, तो यह उसी तरह है जैसे गेंद को छूकर वॉक करना। लेकिन जिस दिन आप ऐसा नहीं करेंगे, लोग कहेंगे कि आप किस तरफ खड़े हैं और तब आप पाखंडी लगेंगे। मैं यह नहीं कह रहा कि सूर्यकुमार अगली बार ऐसा करेंगे या नहीं। लेकिन अगर नियमों के हिसाब से अंपायर ने आउट दे दिया है, तो फिर आउट ही मानना चाहिए, बस।"