नवी मुंबई में डीवाई पाटिल स्टेडियम में 2 नवंबर को भारतीय महिला टीम ने पहली बार आईसीसी महिला वर्ल्ड कप जीतकर इतिहास रच दिया था। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारत ने साउथ अफ्रीका को फाइनल में हराकर पहली आईसीसी ट्रॉफी अपने नाम की है। इस ऐतिहासिक जीत के बाद अगले दिन हरमनप्रीत कौर ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट किया। सोशल मीडिया पर ये पोस्ट काफी वायरल हुआ था। अपने पोस्ट में हरमन ने लिखा, "कुछ सपने अरबों लोग देखते हैं। इसीलिए क्रिकेट हर किसी का खेल है।" इस पोस्ट में हरमन के टी-शर्ट पर लिखा था, "क्रिकेट एक जेंटलमैन, Everyone's का गेम है," जिसमें "जेंटलमैन" शब्द को काट दिया गया था। वहीं हरमनप्रीत कौर के इस पोस्ट से पुर्व खिलाड़ी पूनम राउत पूरी तरह से सहमत हैं।
इससे पहले भी भारतीय टीम 2005 और 2017 में दो बार फाइनल मुकाबला खेल चुकी है, लेकिन ट्रॉफी अपने नाम नहीं कर सकी। पूर्व खिलाड़ी पूनम राउत साल 2017 वर्ल्ड कप फाइनल में इंग्लैंड के खिलाफ 115 गेंदों पर 86 रन बनाई थे। फाइनल में भारत को हार का सामना करना पड़ा था। उनका कहना है कि अब महिला क्रिकेट को वह पहचान और सम्मान मिलने लगा है, जिसकी वे हकदार है।
2017 की कौन सी खिलाड़ी 2025 वर्ल्ड कप में
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में पूनम राउत ने याद किया कि उस हार के बाद लोगों ने काफी नेगटिव रिएक्शन दिया था। उन्होंने कहा, “लोग कहते थे, तुमने किया ही क्या है? कभी कुछ जीता भी है? लड़कियां क्रिकेट खेल सकती हैं क्या?” 2017 की भारतीय टीम की तीन खिलाड़ी दीप्ति शर्मा, स्मृति मंधाना और हरमनप्रीत कौर 2025 वर्ल्ड कप टीम का हिस्सा रहीं है।
पूनम राउत ने इमोशनल होकर कहा, "मैं बहुत खुश हूं और अपने आंसू नहीं रोक पाई। इस टीम को दिल से बधाई — हमने सबको जवाब दे दिया है। जब मैंने क्रिकेट खेलना शुरू किया था, तब मुझे बहुत बुली किया गया। लड़के मेरा मज़ाक उड़ाते थे और कहते थे कि लड़कियां क्रिकेट नहीं खेल सकतीं। मुझे यह सुनकर बहुत बुरा लगता था, लेकिन उस समय मैं कुछ कह नहीं पाती थी। तब मैंने ठान लिया था कि एक दिन सबको दिखाऊंगी कि लड़कियां भी क्रिकेट खेल सकती हैं। आज वह सपना सच हो गया।"
पूनम ने आगे कहा, "मुझे यकीन है कि हरमनप्रीत कौर ने भी यही महसूस किया होगा। मुझे याद है, हम दोनों ने 2009 में एक ही वर्ल्ड कप में डेब्यू किया था। हमारी उम्र और सफर दोनों लगभग एक जैसे थे। इसलिए जब हरमनप्रीत ने लिखा कि ‘क्रिकेट सिर्फ जेंटलमैन का नहीं, बल्कि सबका खेल है,’ तो वह हर उस लड़की की आवाज थी, जिसने कभी भेदभाव या ताने झेले हैं।" राउत ने आगे कहा कि सालों तक उस हार का दर्द झेलने के बाद, रविवार की जीत ने उन्हें आखिरकार 2017 की हार को भूलकर उसे गर्व का कारण बनाने का मौका दिया।
हरमन के पोस्ट पर क्या कहा
राउत ने कहा, “हरमनप्रीत ने जो कहा, वह बिल्कुल सही था, यही टीम का मकसद था। 2017 में भी हम उन सभी लड़कियों के लिए खेले थे, जिनके माता-पिता उन्हें क्रिकेट खेलने से रोकते थे। उस सोच को बदलना बहुत जरूरी था। वर्ल्ड कप जैसा मंच आपको कुछ बड़ा करने और फर्क लाने का मौका देता है। हरमनप्रीत ने वही किया और भारतीय महिला क्रिकेट में एक नई सोच और बड़ा बदलाव लाया है।”
'पिछली बार 9 रन से फाइनल हारे थे'
उन्होंने कहा, “पिछली बार हम सिर्फ 9 रन से ट्रॉफी हार गए थे, वो हार आज तक दिल में एक जख्म की तरह है। हमें वे 9 रन बनाने ही चाहिए थे, यह बात लंबे समय तक मेरे मन में रही। लेकिन इस बार हरमनप्रीत ने वह सपना पूरा कर दिखाया। अब वह बुरी याद आखिरकार मिट गई। उस हार का दर्द हमें पूरे नौ साल तक सताता रहा, लेकिन अब गर्व ने उसकी जगह ले ली है।”