विदेशी धरती, हाथों में तिरंगा थामे हजारों भारतीय फैंस, मैदान पर जीत के लिए अपना सबकुछ लगाने वाले टीम इंडिया के खिलाड़ी और फिर विकेट को चूमती हुई जाती मोहम्मद सिराज की गेंद। ये सब कुछ देखने को मिला ओवल के मैदान पर। सिराज ने जैसे ही जॉश टंग की गिल्लियां बिखेरी पूरे स्टेडियम में गूंजा 'भारत माता की जय'। टीम इंडिया ने इस रोमांच जीत के साथ पांच मैचों की इस टेस्ट सीरीज को ड्रा कराने के साथ अंग्रेजों की घमंड भी तोड़ा। ओवल में खेला गया ये टेस्ट मैच क्रिकेट की दुनिया में सदियों तक याद रखा जाएगा। इस सीरीज में कई ऐसे मौके हैं जिन्हें घड़ी-घड़ी रील के शक्ल में वायरल भी किया जाएगा। भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए इस सीरीज के कुछ ऐसे ही लम्हों को याद करते हैं, जो टेस्ट क्रिकेट के अमर होने के दावे को सही साबित कर रहा है।
सिराज का कमाल
पहले बात करते हैं पांचवे टेस्ट मैच की और उसमें सिराज की बाजीगरी की। ओवल टेस्ट के पांचवे दिन टीम इंडिया को जीत के लिए चार विकटों की जरूरत थी तो इंग्लैंड को 35 रनों की दरकार। पूरा देश भारतीय गेंदबाजों से चमत्कार की आस लगाए था। पांचवें दिन का खेल शुरु होता है और पहले ओवर में ही क्रेग ओवरटन ने 2 चौके लगाकर इंग्लैंड के लिए दमदार शुरुआत करते हैं। ऐसा लगता है इंग्लैंड इस मैच को आसानी से जीत जाएगी। लेकिन इंग्लैंड की जीत और भारत की हार के बीच में खड़े होते हैं मोहम्मद सिराज। आगे की कहानी बताने से पहले, एक पुराना वाकया आपको याद दिला देता हैं। लॉर्ड्स टेस्ट में सिराज का चेहरा तो आपको अभी भी याद होगा। जब जीत के बेहद करीब आकर टीम इंडिया को हार का सामना करना पड़ा था। भारत वो मुकाबला महज 22 रनों से हार गया था। हार के बाद सिराज काफी इमोशनल हो गए थे। लेकिन ओवल में अब रोने की बारी अंग्रेजों की थी।
पांचवे टेस्ट के पांचवे दिन सिराज ने जेमी स्मिथ को पवेलियन भेजकर मुकाबले को रोमांचक बना दिया। सिराज ने इसके बाद अगले ओवर में क्रेग ओवरटन को भी पवेलियन भेज दिया और टीम इंडिया को जीत के बेहद करीब पहुंच गई। इसके बाद बारी आई प्रसिद्ध कृष्णा की, जिन्होंने जॉश टंग को क्लीन बोल्ड करते हुए इंग्लैंड का 9वां झटका दिया और अंत में सिराज ने एटकिसंन को क्लीन बोल्ड कर टीम इंडिया को एक ऐतिहासिक जीत दिलाई। सिराज ने इस मैच में बुमराह की कमी बिल्कुल भी नहीं खलने दी और कुल 9 विकेट झटके। पहली पारी में उन्होंने 16.2 ओवर में 86 रन देकर 4 विकेट अपने नाम किए। इसके बाद दूसरी पारी में जब सबसे ज्यादा जरूरत थी तो 30.1 ओवर बॉलिंग करते हुए 104 रन खर्चे और 5 विकेट चटकाते हुए भारत को जीत दिलाई। इस सीरीज में जब-जब टीम इंडिया को जरूरत पड़ी तब-तब सिराज ने गेंद से कमाल किया। मोहम्मद सिराज ने इस टेस्ट सीरीज में पांच मैच में सबसे ज्यादा 23 विकेट झटके।
पंत का बेखौफ अंदाज
इस टेस्ट सीरीज में ऋषभ पंत की बहादुरी को भी हमेशा याद रखा जाएगा। मैनचेस्टर में खेले जा रहे चौथे टेस्ट के पहले ही दिन पंत को पैर में गंभीर चोट लग गई थी। वोक्स की एक गेंद पर रिवर्स स्वीप खेलते हुए उनके पैर का अंगूठा फ्रैक्चर हो गया था। जिसके बाद वह रिटायर्ड हर्ट हो गए थे। लेकिन टीम इंडिया को जीत दिलाने के लिए उन्होंने पहली पारी में जबरदस्त अर्धशतक जड़ा, जबकि दूसरी पारी में वह लंगड़ाते हुए खेल रहे थे। इसके बाद चोट के कारण वह इस दौरे से बाहर हो गए। पंत का जब्जा ही था कि टीम इंडिया इस मैच को ड्रा कराने में कामयाब रही और सीरीज में भी कमबैक किया। पंत ने इस सीरीज में जिस बेखौफ अंदाज में बल्लेबाजी की वो भारतीय क्रिकेट फैंस और इंग्लिश गेंदबाज कभी नहीं भूल पाएंगे।
क्रिस वोक्स का जज्बा
इंग्लैंड की ओर से जिस खिलाड़ी को इस सीरीज में याद रखा जाएगा, उनका नाम है क्रिस वोक्स (Chris Woakes)। अपनी टीम को जीत दिलाने के लिए क्रिस वोक्स टूटे हाथ के साथ बल्लेबाजी करने आए। यह देखकर हर क्रिकेट फैंस इमोशनल हो गया। ओवल टेस्ट के पहले दिन फील्डिंग करते समय क्रिस वोक्स के कंधे में चोट लग गई थी। खबर आई थी कि उनका कंधा डिस्लोकेट हो गया है। इसके चलते वह पूरे मैच से बाहर हो गए हैं। जिसके बाद चौथे दिन तक ऐसा लग रहा था कि वोक्स बल्लेबाजी करने नहीं आएंगे। लेकिन जब पांचवें टेस्ट के पांचवें दिन 82.6वें ओवर में प्रसिद्ध कृष्णा ने जोश टंग को बोल्ड किया, तो क्रिस वोक्स 10वें विकेट के लिए एक हाथ से बल्लेबाजी करने मैदान पर आए।
गिल के लिए यादगार सीरीज
इंग्लैंड के खिलाफ ये सीरीज भारतीय टेस्ट कप्तान शुभमन गिल के लिए भी काफी यादगार रहा। गिल SENA कंट्रीज यानी दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड, ऑस्ट्रेलिया में खेली गई टेस्ट सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड अपने नाम किया है। गिल ने इंग्लैंड के खिलाफ पांच टेस्ट मैचों में कुल 754 रन बनाए। शुभमन गिल की तुलना दुनियाभर के टेस्ट क्रिकेट में कप्तानी करने वाले खिलाड़ियों से करें, तब गिल किसी एक सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले कप्तानों की लिस्ट में केवल सर डॉन ब्रैडमैन से पीछे हैं। सर डॉन ब्रैडमैन ने इंग्लैंड के खिलाफ ही 1936-37 में एक सीरीज में 810 रन बनाए थे। इंग्लैंड दौरे पर गिल के बल्ले से निकले 754 रनों में चार शतक शामिल हैं, जिनमें एक दोहरा शतक भी शामिल है। गिल ने इस सीरीज में 75.40 की औसत से रन बनाए हैं। इस सीरीज में भारतीय कप्तान का स्ट्राइक रेट 65.56 रहा।
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