IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच पांचवां और आखिरी टेस्ट मैच खेला जा रहा है। दोनों टीमों के बीच ये मुकाबला लंदन के द ओवल में खेला जा रहा है। पांचवे मैच के तीन दिनों का खेल खत्म हो चुका है। तीसरे दिन स्टंप्स तक इंग्लैड की टीम 1 विकेट खोकर 50 रन बना ली है। इस मैच को जीतने के लिए इंग्लैंड को 324 रनों की जरूरत है। वहीं इस मैच में एक नाइटवॉचमैन के तौर पर मैदान पर आए तेज गेंदबाज आकाश दीप ने शानदार बल्लेबाजी की है। आकाश दीप ने यशस्वी जायसवाल के साथ 107 रनों की अहम साझेदारी निभाई। आकाश दीप के इस प्रदर्शन की बदौलत भारत ने दूसरी पारी में 396 रन बना पाई।
ओवल टेस्ट के दूसरे दिन आकाश दीप नाइटवॉचमैन के रूप में चौथे नंबर पर बल्लेबाजी करने आए थे। पांचवे मैच में आकाश ने अपने करियर का पहला टेस्ट अर्धशतक लगाया। आकाश दीप 94 गेंदों में 66 रन बनाकर आउट हुए। वहीं भारतीय टीम के कप्तान शुभमन गिल और बल्लेबाजी कोच सीतांशु कोटक ने आकाश दीप के बल्लेबाजी की काफी तारीफ की है।
गिल ने की आकाश दीप की तारीफ
खेल खत्म होने के बाद बीसीसीआई से बातचीत में गिल ने कहा, "लंबे समय से बल्लेबाजों और गेंदबाजों के बीच यह मजाक चलता आ रहा है। बल्लेबाज अक्सर लोअर ऑर्डर के खिलाड़ियों से कहते हैं, 'यार, थोड़ा कॉन्ट्रिब्यूशन तो दो।' लेकिन इस मैच में उन्होंने इसकी पूरी भरपाई कर दी।" गिल ने आगे कहा, "हमने उनसे सिर्फ यही कहा था कि जो गेंद आपके हिसाब से खेलने लायक हो, उस पर रन बनाने की कोशिश करो। ये 66 रन किसी शतक से कम नहीं हैं।"
बल्लेबाजी कोच सीतांशु कोटक ने भी गेंदबाज को भी यही सलाह दी। कोटक ने कहा, "जब हम होटल पहुंचे तो आकाश मेरे साथ लिफ्ट में थे। मैंने उनसे कहा, 'आकाश, अगर कल कोई गेंद तुम्हारी रेंज में आए तो उसे पूरे दम से खेलना, जबरदस्ती डिफेंस मत करना, क्योंकि पिछली दो पारियों में तुम डिफेंस करते हुए आउट हुए थे।' मुझे बहुत खुशी है कि एक तेज गेंदबाज ने हमारे लिए इतना अहम अर्धशतक लगाया।"
अपनी पारी पर आकाश दीप ने क्या कहा
आकाश के लिए 66 रन सिर्फ उनका टेस्ट क्रिकेट का सबसे बड़ा स्कोर नहीं था, बल्कि यह उनके पूरे प्रथम श्रेणी करियर का भी सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा। आकाश दीप ने बताया, "जब मैं कल रात सोने गया, तो मैंने सोचा था कि मैं आउट नहीं होऊंगा। हा, एक अच्छी गेंद मुझे आउट कर सकती है, लेकिन मैं अपना विकेट आसानी से नहीं दूंगा। चाहे गेंद मेरे शरीर पर लगे या कहीं और मैं खेलता रहूंगा। हमें गेंदें खेलनी थीं और 100 से ज्यादा रनों की साझेदारी वाकई खास रही। मेरे लिए अर्धशतक से भी ज्यादा अहम यह है कि मैं टीम के लिए दो घंटे तक डटा रहा।"