IND vs SA: साउथ अफ्रीका ने भारत को घर में मात देकर 2 मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली है। घरेलू मैदान पर भारत को मिली एक और टेस्ट हार ने उसके अजेय रहने की छवि को फिर से चोट पहुंचाई है। पिछले दस वर्षों में भारत ने घर पर 53 टेस्ट खेले हैं, जिनमें आठ में हार मिली है। इसमें से इनमें 4 हार तब आई हैं जब गौतम गंभीर ने राहुल द्रविड़ की जगह हेड कोच का पद संभाला।
गौतम गंभीर के कार्यकाल में अब तक 18 टेस्ट हुए हैं, जिनमें भारत 7 जीता है, 9 हारा है और 2 मैच ड्रॉ रहे हैं। ये आकड़े दिखाते है कि घरेलू टेस्ट में टीम का पुराना दबदबा अब उतना कायम नहीं है। भारत और साउथ अफ्रीका के बीच दूसरा मुकाबला 22 नवंबर से गुवाहाटी में खेला जाएगा
गांगुली ने किया गौतम को सपोर्ट
घरेलू टेस्ट में मिल रही लगातार हारों के बाद से गौतम गंभीर की काफी आलोचना हो रही है। वहीं पूर्व कप्तान सौरव गांगुली के इसे सही नहीं माना। उन्होंने कहा कि चुनौतियां हर कोच के दौर में आती हैं, लेकिन इससे उनकी क्षमता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। गांगुली ने स्पोर्ट्स तक से कहा, “गौतम गंभीर को हटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। लेकिन ये भी सच है कि टेस्ट मैच जीतने के लिए टीम को एकजुट होकर और ज्यादा मेहनत करनी होगी, क्योंकि सपाट पिचों पर जीत हासिल करना बेहद चुनौतीपूर्ण होता है।”
इग्लैंड में की थी शानदार प्रदर्शन
गांगुली ने याद दिलाया कि इसी भारतीय टीम ने साल की शुरुआत में इंग्लैंड दौरे पर सपाट पिचों पर बेहतरीन खेल दिखाया था, लेकिन हाल के घरेलू टेस्ट मैचों में मुश्किल विकेटों पर टीम को ज्यादा संघर्ष करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, “भारत में चौथे और पांचवें दिन पिच का मिजाज बहुत तेजी से बदलता है, इसलिए धैर्य रखना जरूरी है। इस टीम के पास 20 विकेट लेने की क्षमता है—जैसा कि ओवल और एजबेस्टन में आखिरी दिन देखने को मिला था।”
उन्होंने आगे कहा, “गौतम ने कोच के तौर पर और शुभमन ने कप्तान के रूप में इंग्लैंड की सपाट पिचों पर शानदार प्रदर्शन किया है। मुझे पूरा विश्वास है कि वे भारत में भी इसी तरह अच्छा खेल दिखा सकते हैं।”
इतनी बड़ी स्पिन अटैक की जरूरत नहीं
भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच ईडन गार्डन्स में खेले गए पहले टेस्ट में शुभमन गिल की कप्तानी में टीम ने चार स्पिनरों को खिलाया था। लेकिन सौरव गांगुली का मानना है कि स्पिन मददगार पिचों पर इतनी बड़ी स्पिन अटैक की जरूरत नहीं होती। उन्होंने कहा, “गौतम को इस पहलू पर ध्यान देना चाहिए। भारत में चार स्पिनर खिलाने की जरूरत नहीं है। जब पिच पर टर्न मिलती है और स्पिनर 25–30 ओवर आराम से फेंक सकते हैं, तो इतने ज्यादा स्पिनरों की जरूरत नहीं होती। ऐसे हालात में आपको अपने बेहतरीन पांच बल्लेबाजों को ही टॉप ऑर्डर में रखना चाहिए।”