Pratika Rawal: नवी मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में भारत की महिला टीम ने साउथ अफ्रीका को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप जीत लिया। दोनों टीमों के बीच ये मुकाबला 2 नवंबर को खेला गया। इस टूर्नामेंट में बांग्लादेश के खिलाफ फील्डिंग करते समय चोट लगने की वजह से प्रतिका रावल बाहर हो गई थी। प्रतिका की जगह शेफाली वर्मा को टीम में शामिल किया गया। इस मौके का शेफाली वर्मा ने बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए भारत की जीत में अहम भूमिका निभाई थी।
भले ही चोट की वजह से प्रतिका रावल बाहर हो गई थी, लेकिन फाइनल मुकाबले में अपनी टीम को सपोर्ट करने वह व्हीलचेयर पर स्टेडियम पहुंचीं। भारत ने खिताब जीता, तो प्रतिका की आंखों में खुशी के आंसू आ गए। वह व्हीलचेयर पर तिरंगा लेकर मैदान में पहुंचीं और चोट के बावजूद अपने साथियों के साथ खुशी से डांस करती हुई नजर आई।
जीत के बाद प्रतिका ने मनाया जश्न
भारत की 52 रन की शानदार जीत के बाद प्रतिका भी साइडलाइन से जश्न में शामिल दिखीं। वह हर पल टीम को चीयर करती रहीं और तिरंगा लहराते हुए अपनी खुशी जताती रहीं। मैच खत्म होने के बाद वह अपने साथियों के साथ मैदान पर पहुंचीं और सभी ने उन्हें ग्रुप फोटो में खास जगह दी। टीम ने ट्रॉफी के साथ व्हीलचेयर पर बैठी प्रतिका के साथ तस्वीर ली, ताकि यह यादगार पल उनकी खुशी और योगदान के साथ हमेशा जुड़ा रहे। रात के सबसे भावुक पलों में से एक वह था, जब प्रतिका अपनी व्हीलचेयर पर बैठकर जेमिमा रोड्रिग्स और कप्तान हरमनप्रीत कौर के साथ भांगड़ा करती नजर आईं। तीनों की हंसते-नाचते हुए यह तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गई।
जीत के बाद प्रतिका ने कहा, "मैं इस पल को शब्दों में नहीं बता सकती। मेरे पास सच में कुछ कहने के लिए शब्द नहीं हैं। मेरे कंधे पर तिरंगा होना मेरे लिए बहुत खास है। अपनी टीम के साथ यहां होना सच में एक अद्भुत अहसास है।"
प्रतिका ने आगे कहा, "चोटें खेल का हिस्सा होती हैं, लेकिन मैं खुश हूं कि मैं इस टीम का हिस्सा बनकर इस पल को जी पा रही हूं। मुझे अपनी टीम से बहुत प्यार है। हम सबने मिलकर इतिहास रच दिया। इतने सालों बाद वर्ल्ड कप जीतने वाली पहली भारतीय टीम बनने पर गर्व हो रहा है। यह जीत पूरे देश को समर्पित है। सच कहूं तो मैदान पर खेलना आसान है, लेकिन बाहर बैठकर मैच देखना ज्यादा मुश्किल होता है। हर विकेट और हर चौके-छक्के पर रोंगटे खड़े हो जाते थे। स्टेडियम का माहौल, लोगों की एनर्जी और इमोशन—सब कुछ अविश्वसनीय था।"
प्रतिका ने चोट से पहले बेहतरीन फॉर्म में थीं और पूरे टूर्नामेंट में 308 रन बनाकर भारत की दूसरी सबसे सफल बल्लेबाज रहीं। उन्होंने एक शतक और एक अर्धशतक भी लगाया और टीम को फाइनल तक पहुंचाने में बड़ी भूमिका निभाई।