AI बैंड त्रिलोक ने जीता ब्रांड्स का दिल, Zomato और boAt बने डिजिटल म्यूजिक के पार्टनर
भारत का ऑल-एआई (Artificial Intelligence) बैंड, त्रिलोक, इंसानों से भी तेज गति से हिट गाने बना रहा है, और ब्रांड्स के साथ सही तालमेल बिठा रहा है। Zomato से लेकर boAt तक, कई स्पॉन्सर्स इस वर्जुअल सेंसेशन का समर्थन कर रहे हैं, जिसे कलेक्टिव आर्टिस्ट्स नेटवर्क के निर्माता विजय सुब्रमण्यन ने तैयार किया है।
AI बैंड त्रिलोक ने जीता ब्रांड्स का दिल, Zomato और boAt बने डिजिटल म्यूजिक के पार्टनर
बिना किसी शर्त के, सचमुच। भारत का ऑल-एआई (Artificial Intelligence) बैंड, त्रिलोक, इंसानों से भी तेज गति से हिट गाने बना रहा है, और ब्रांड्स के साथ सही तालमेल बिठा रहा है। Zomato से लेकर boAt तक, कई स्पॉन्सर्स इस वर्जुअल सेंसेशन का समर्थन कर रहे हैं, जिसे कलेक्टिव आर्टिस्ट्स नेटवर्क के निर्माता विजय सुब्रमण्यन ने तैयार किया है। अब तक, बैंड ने पांच ब्रांडों के साथ सहयोग किया है, अन्य तीन हैं चार्ज अप, मैजिक मोमेंट्स और सुनो।
ब्रांड्स भी जुड़े सुर में
इस बैंड की नई रिलीज में से एक, मशहूर गणपति आरती ‘सुखकर्ता दुखहर्ता’ का आधुनिक रूप है, जिसे फूड डिलीवरी ब्रांड Zomato और ऑडियो व वियरेबल्स ब्रांड boAt ने सपोर्ट किया है। इस गाने में Zomato के डिलीवरी पार्टनर्स को भी दिखाया गया है।
एआई म्यूजिक बैंड के निर्माता विजय सुब्रमण्यन ने इस ट्रेंड की तुलना उस समय से की जब सोशल मीडिया पहली बार सामने आया था। उन्होंने कहा "यह ब्रांड मार्केटिंग के साथ इनोवेशन को समझने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है। मुझे यह उस सोशल मीडिया क्रांति से बहुत अलग नहीं लगता, जब लोग रचनाकारों के सोशल मीडिया हैंडल का इस्तेमाल करने लगे थे। यह कंटेंट निर्माण के विकास का अगला चरण है।"
सुब्रमण्यन ने पुष्टि की कि ब्रांड्स के साथ और भी बातचीत हो रही है। "हमारे पास एक पाइपलाइन है जो मार्च, अप्रैल (2026) तक चलेगी, जिसमें हमारे कुछ मौजूदा ब्रांड्स शामिल हैं, जो एआई पर हमारे द्वारा किए जा रहे हर काम में सहयोग के लिए तैयार हैं।"
त्रिलोक के साथ-साथ, ब्रांडों ने कलेक्टिव के वर्चुअल इन्फ्लुएंसर्स के साथ भी तालमेल बिठाया है। जिनमें, काव्या मेहरा नामक एक एआई-बेस्ड ब्यूटी और वेलनेस क्रिएटर (4,112 से अधिक फॉलोअर्स), राधिका सुब्रमण्यम नामक एक ट्रैवल इन्फ्लुएंसर (7,195 फॉलोअर्स) और कबीर मंजा, (2,066 फॉलोअर्स) शामिल हैं।
एआई बैंड के साथ तीनों वर्चुअल पर्सनैलिटीज को इस वर्ष दिसंबर 2024 से जून के बीच बनाया और लॉन्च किया गया था। इनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है, खासकर युवाओं के बीच।
ब्रांड्स की बात करें तो, काव्या के पोर्टफोलियो में जोया जिन, मामा अर्थ, अपरकेस, द प्रवासी, लोहोनो स्टेज़, डब्ल्यू फॉर विमेन, कासा नोवा, एफ2 फ्लेवर्स शामिल हैं, जबकि कबीर के पोर्टफोलियो में सिंथॉल और वुडबर्न्स शामिल हैं। राधिका ने मैजिक मोमेंट्स वोदका, स्पिरिट ऑफ कश्मीर, सुपरयू, फ्रीकिन्स जींस, कैंपस, लेज, सोशल, अपरकेस, ब्रूइज्ड पासपोर्ट्स के साथ सहयोग किया है।
सुब्रमण्यम ने कहा, "यह उन बाजारों में से एक है जहां विकास अभी शुरू हुआ है। इसलिए, विकास तेज और तेज होगा। हम महीने-दर-महीने ब्रांड पार्टनरशिप में तेजी से वृद्धि देख रहे हैं। हालांकि, इन ब्रांड सहयोगों का मूल्य अभी शुरुआती चरण में है, जिनमें 10-15 लाख रुपये से लेकर 60-70 लाख रुपये तक के डील्स शामिल हैं। उन्होंने कहा, "हम अभी जागरूकता बढ़ाने के चरण में हैं।"
पहुंच पर निर्भरता
सुब्रमण्यम ने कहा कि ब्रांड पहुंच बढ़ाने के लिए एआई इन्फ्लुएंसर्स के साथ सहयोग कर रहे हैं, और इससे उन्हें कंटेंट निर्माण में तेजी लाने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा, "किसी भी महीने में, एक बैंड अधिकतम दो या तीन गाने ही बना सकता है। त्रिलोक ने पिछले 60 दिनों में लगभग सात गाने रिलीज किए हैं। हम नवरात्रि के लिए भी एक गाना बना रहे हैं, और संभवतः हम इन सभी गानों को लेकर दिवाली के दौरान एक अनप्लग्ड वर्जन रिलीज करेंगे। इस त्योहारी सीजन में कंटेंट की भरमार होने वाली है।"
द कलेक्टिव के संस्थापक ने बताया कि बैंड का गाना "अच्युतम केशवम", जो दो महीने पहले रिलीज हुआ था, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर 1 करोड़ लोगों तक पहुच गया, और YouTube पर इसे 80,000 से ज्यादा बार देखा गया।
इस साल जुलाई से सितंबर के बीच 79 पोस्ट के साथ, कबीर मंजा की सोशल मीडिया पर कुल पहुंच लगभग 35 लाख है, जबकि राधिका सुब्रमण्यम की 101 पोस्ट के जरिए 26 लाख लोगों तक पहुंच है। 97 पोस्ट के साथ काव्या मेहरा की पहुंच लगभग 15 लाख है।
अगला अध्याय
तो, एआई पर्सनैलिटीज क्यों ट्रेंड कर रहे हैं? ये वर्चुअल इन्फ्लुएंसर डिजिटल कैरेक्टर हैं, और ब्रांड्स या ऑडियंस के लिए यह किसी मशहूर हस्ती को फॉलो करने जैसा है। उन्होंने कहा, "लोग WWE (वर्ल्ड रेसलिंग एंटरटेनमेंट) के कैरेक्टर्स या बैटमैन जैसे सुपरहीरो या स्कूबी-डू जैसे कार्टून किरदारों के प्रशंसक कैसे थे? लोग लगातार एआई और इंसानों के बीच गलतिया कर रहे हैं। मैं तकनीक नहीं बना रहा हूं। मेरे लिए तकनीक एक सक्षमकर्ता (एनाब्लर) है। असली काम कहानी कहने के कला में होता है।”
इन एआई इन्फ्लुएंसरों की कहानियां अगले अध्याय की ओर बढ़ रही हैं। संस्थापक ने कहा, "अब चारों के अपने ओटीटी (ओवर द टॉप प्लेटफॉर्म) शो हैं जो जल्द ही लॉन्च होंगे। इनमें से दो ओटीटी शो अगले महीने लाइव होने वाले हैं।"
त्रिलोक की बात करें तो, वे कलेक्टिव के नए और आने वाले कंटेंट के लिए संगीत निर्माता बन गए हैं।
"हमारी पहली थिएटर फीचर फिल्म हनुमान का बैकग्राउंड स्कोर त्रिलोक द्वारा तैयार किया जाएगा, साथ ही हमारी सभी मिनी-सीरीज, जिनमें से पहली महाभारत है, के लिए भी त्रिलोक ही जिम्मेदार होंगे। कलेक्टिव मीडिया नेटवर्क द्वारा निर्मित सभी मिनी-सीरीज के लिए त्रिलोक हमारे इन-हाउस संगीत निर्माता हैं।"
कंपनी मिनी-सीरीज, जिन्हें माइक्रो ड्रामा के नाम से भी जाना जाता है, का निर्माण पूरी तरह से AI के माध्यम से कर रही है।
उनका पहला माइक्रो ड्रामा - महाभारत - सौ से ज्यादा एपिसोड का होगा, जो तीन से पाँच मिनट लंबा होगा। "महाभारत उन दस माइक्रो ड्रामा में से एक होगा जो अगले तीन महीनों में रिलीज होंगे।"
सुब्रमण्यम ने कहा कि वे तेजी से और सस्ते में कंटेंट बनाने के लिए AI का इस्तेमाल कर रहे हैं, और ब्रांड और प्लेटफॉर्म सहयोग के जरिए माइक्रो ड्रामा से कमाई करने की योजना बना रहे हैं।
बैंड की शुरुआत
त्रिलोक की शुरुआत के बारे में सुब्रमण्यम ने बताया कि यह सब तब शुरू हुआ जब उन्होंने अपनी मां को खो दिया। उन्होंने कहा कि इस साल 6 अप्रैल को, मैंने अपनी मां को खो दिया। 26 मई को, कंपनी का एक म्यूजिक प्रोड्यूसर कुछ AI टूल्स के साथ प्रयोग कर रहा था और उसने ऐगिरी नंदिनी (Aigiri Nandini) बनाया। 26 मई को संयोग से मेरा जन्मदिन था और ऐगिरी नंदिनी मेरी मां का पसंदीदा गाना था। इसलिए, यह सच में सबसे परफेक्ट स्थिति का त्रिकोण था।
AI बैंड के निर्माण में सुब्रमण्यम की संगीत पृष्ठभूमि का भी महत्वपूर्ण योगदान था।
"मुझे पता है कि एक बैंड में होना कैसा होता है, संगीत के माध्यम से अपनी भावनाओं को व्यक्त करना कैसा होता है। मेरे पास व्यक्तिगत अनुभव है कि एक बैंड कैसे काम करता है, बैंड की गतिशीलता क्या होती है, एक गायक और गिटारवादक या एक ड्रमर और एक बास वादक के बीच का रिश्ता कैसा होता है। यह मेरे लिए स्वाभाविक है क्योंकि मैंने अपने बचपन के कई साल एक हेवी मेटल बैंड के लिए ड्रम बजाते हुए बिताए हैं।"
लेकिन कॉपीराइट उल्लंघन की चिंताओं का क्या? सुब्रमण्यम ने कहा कि वे सार्वजनिक डोमेन के गानों को चुन रहे हैं। "किसी भी गाने पर कॉपीराइट नहीं है।"
गानों का निर्माण इंसान और रोबोट दोनों की टीमवर्क से होता है। उन्होंने कहा, "कोई व्यक्ति धुन तैयार करता है और फिर हम किसी भी अन्य संगीत की तरह उस पर प्रोग्रामिंग करते हैं। गानों के पीछे बहुत सारे इंसानी दिमाग होते हैं। कंप्यूटर इसे स्वयं नहीं बनाता। यह उस जमाने जैसा है जब म्यूजिक डायरेक्टर्स स्टूडियो में 50 मेंबर ऑर्केस्ट्रा का इस्तेमाल करते थे। फिर उसे साउंड सॉफ्टवेयर में समेटा गया। यह एक ऐसा ही बदलाव है।"