कोविड महामारी के बाद वर्क फ्रॉम होम का कल्चर तेजी से बढ़ रहा है। लोग ऑफिस जाकर काम करने के बजाय घर पर बैठकर काम करना पसंद कर रहे हैं और अब कंपनियां भी इस कल्चर में ढलती नजर आ रही हैं। पर दुनिया की सबसे बड़ी टेक कंपनी गूगल ने वर्क फ्रॉम होम पर एक ऐसा फरमान सुनाया है, जो कर्मचारियों के लिए किसी झटके से कम नहीं हैं।
'वर्क फ्रॉम एनीवेयर' की नीति बदलने की तैयारी
गूगल ने अपने कर्मचारियों के लिए रिटर्न-टू-ऑफिस यानी ऑफिस लौटने की नीति को और भी ज्यादा सख्त कर दिया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, गूगल अपने वर्क फ्रॉम होम कर्मचारियों के लिए नए नियम लागू करने की तैयारी में है। कंपनी अपनी “वर्क फ्रॉम एनीवेयर” नीति में बदलाव कर रही है। इसे कोविड-19 के दौरान शुरू किया गया था। इस नीति के तहत कर्मचारियों को हर साल चार हफ्ते तक अपने मेन ऑफिस के बाहर किसी भी जगह से काम करने की अनुमति थी, लेकिन अब इस सुविधा पर और सख्ती की जा रही हैं।
CNBC की रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल ने अपनी “वर्क फ्रॉम एनीवेयर” (WFA) नीति में बदलाव किया है। अब अगर कोई कर्मचारी सप्ताह में सिर्फ एक दिन भी ऑफिस से बाहर काम करता है, तो पूरा सप्ताह रिमोट वर्क के रूप में गिना जाएगा। हालांकि, कंपनी अपनी मौजूदा हाइब्रिड वर्क पॉलिसी को जारी रखेगी, जिसके तहत कर्मचारी सप्ताह में दो दिन घर से काम (WFH) कर सकते हैं। यह भी स्पष्ट किया गया है कि WFA नीति WFH से अलग है, क्योंकि इसमें कर्मचारी अपने घर के अलावा किसी भी स्थान से काम करने का ऑपशन चुन सकते हैं।
इससे पहले गूगल ने कहा था कि “यदि कोई कर्मचारी किसी सप्ताह में एक दिन या पूरे पांच दिन ‘वर्क फ्रॉम एनीवेयर’ (WFA) करता है, तो उस सप्ताह को एक पूरा WFA सप्ताह माना जाएगा और कुल उपलब्ध WFA हफ्तों में से एक घटा दिया जाएगा।” कंपनी ने यह भी कहा कि WFA सप्ताह का इस्तेमाल घर से या उसके आस-पास काम करने के लिए नहीं किया जा सकता। इस साल की शुरुआत में गूगल ने अमेरिका में कुछ स्थायी कर्मचारियों को बायआउट का ऑपशन दिया था। साथ ही, कंपनी ने कुछ टीमों के रिमोट कर्मचारियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे हाइब्रिड वर्क सिस्टम में वापस नहीं आते हैं, तो उनकी नौकरियों पर असर पड़ सकता है।
नई नीति के तहत कर्मचारियों को अब किसी दूसरे राज्य या देश में स्थित गूगल ऑफिस से काम करने के लिए अपने “वर्क फ्रॉम एनीवेयर” (WFA) दिनों का इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं होगी। कंपनी ने इसके पीछे “लीगल और क्रॉस बॉर्डर फाइनेंशियल कॉम्प्लिकेशन” का हवाला दिया है। दिशानिर्देशों के अनुसार, अलग-अलग स्थानों से काम करने वाले कर्मचारियों को अपने लोकल टाइम जोन के अनुरूप ऑफिस के वर्किंग घंटों का पालन भी करना होगा।