UPI: AI-बेस्ड UPI हेल्प- जो यूजर्स UPI ट्रांजैक्शन ट्रैक करने या किसी पेमेंट से जुड़ी समस्या सुलझाने में परेशानी का सामना करते हैं, उनके लिए AI-बेस्ड UPI HELP अब मदद के लिए तैयार है। यह सुविधा NPCI के Small Language Model (SLM) के जरिए काम करती है। यह प्लेटफॉर्म यूजर्स को यूपीआई के अंदर लेन-देन की स्थिति की जांच करने, शिकायत दर्ज करने, ऑटो-पे (Recurring Mandate) को मैनेज करने और स्टेप-बाय-स्टेप गाइडेंस प्राप्त करने की सुविधा प्रदान करता है। शुरुआत में यह अंग्रेजी में उपलब्ध है, लेकिन अब इसमें कई भारतीय भाषाएं जोड़ने की योजना है, जिससे अलग-अलग यूजर्स ग्रुप्स के लिए डिजिटल भुगतान अधिक सुलभ हो जाएगा। AI-बेस्ड यह सिस्टम आम सवालों और समस्याओं को खुद ही सुलझा देता है, जिससे शिकायतों का समाधान जल्दी होता है और यूजर्स को अपने डिजिटल ट्रांजैक्शन में ज्यादा भरोसा और सुविधा मिलती है।
IoT Payments with UPI फीचर के जरिए अब यूजर्स अपने स्मार्ट डिवाइसेज जैसे स्मार्ट टीवी, वियरेबल्स (स्मार्टवॉच), या कार से सीधे UPI पेमेंट कर सकेंगे। यूजर्स अब फ्यूल, EV चार्जिंग चार्जिंग या स्ट्रीमिंग सब्सक्रिप्शन जैसी सेवाओं के लिए ऑथराइज्ड डिवाइसों के जरिए पेमेंट सिर्फ वॉइस, टेक्स्ट या ऑटोमेटेड रूटीन का उपयोग करके कर सकते हैं। इस नई तकनीक से स्मार्टफोन इंटरफेस की आवश्यकता समाप्त हो जाती है, जिससे रोजाना के पेमेंट आसान, तेज, और बिना किसी रुकावट के हो जाएंगे। जिससे यूजर्स का समय भी बचेगा और अनुभव भी बेहतर होगा।
बैंकिंग कनेक्ट उन यूजर्स के लिए एक इंटरऑपरेबल नेट बैंकिंग समाधान लेकर आया है जो अक्सर ऑनलाइन खरीदारी करते हैं या अलग-अलग मर्चेंट प्लेटफॉर्म के जरिए पेमेंट करते हैं। कई बैंक पोर्टल्स पर जाने या अलग-अलग इंटीग्रेशन से जूझने के बजाय, यूजर्स अब अपने बैंक ऐप के जरिए सुरक्षित रूप से लेनदेन कर सकते हैं और तेज चेकआउट का आनंद ले सकते हैं। यह प्लेटफॉर्म स्टैंडर्डाइज्ड QR और इंटेंट- बेस्ड पेमेंट्स को भी सपोर्ट करता है, जिससे यूजर्स के लिए ऐप या अकाउंट बदले बिना मर्चेंट को भुगतान करना आसान हो जाता है।
यूपीआई रिजर्व पे फीचर यूजर्स को उनकी क्रेडिट लाइन या पहले से स्वीकृत क्रेडिट का एक हिस्सा किसी खास ट्रांजेक्शन के लिए ब्लॉक करने की सुविधा देता है। इससे ई-कॉमर्स, फूड डिलीवरी या राइड-हेलिंग ऐप्स पर दोहराए जाने वाले पेमेंट्स और भी आसान और स्मूथ हो जाते हैं। यह फीचर ब्लॉक और इस्तेमाल की गई क्रेडिट दोनों में पारदर्शिता लाता है। इसके जरिए यूजर्स अपने क्रेडिट उपयोग पर बेहतर नियंत्रण रख सकते हैं, जरूरत से ज्यादा खर्च करने के जोखिम को घटा सकते हैं और डिजिटल खरीदारी को सरल बना सकते हैं।