Zoho Mail: भारत सरकार ने कई मंत्रालयों और विभागों के लगभग 12,68,000 ईमेल अकाउंट्स को Zoho Mail पर शिफ्ट कर दिया है। MeitY के राज्य मंत्री, जितिन प्रसाद ने कहा, ‘Zoho प्लेटफॉर्म पर ट्रांसफर किए गए अकाउंट्स की संख्या लगभग 12.68 लाख है, जिसमें 7.45 लाख केंद्रीय सरकारी कर्मचारी शामिल हैं।'
उनके अनुसार, सरकार और Zoho के बीच हुए कॉन्ट्रैक्ट में यह साफ तौर पर तय किया गया है कि इस दौरान बनने वाला सारा डेटा और बौद्धिक संपदा (Intellectual Property) का मालिकाना हक सरकार के पास ही रहेगा। जरूरत पड़ने पर प्लेटफॉर्म को जारी रखने या वापस पुराने सिस्टम पर लौटने की सुविधा भी सरकार के पास होगी।
उन्होंने आगे बताया, “इसे सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने NIC के जरिए एक मास्टर सिस्टम इंटीग्रेटर (MSI) चुना है, यानी Zoho कंपनी। यह एक मजबूत क्लाउड-बेस्ड ईमेल सॉल्यूशन है, जो सभी सरकारी कर्मचारियों और यूज़र्स को सपोर्ट कर सकता है। इस मॉडल की मदद से सिस्टम का प्रोफेशनल तरीके से अपग्रेड होना, पुराने ईमेल अकाउंट्स का बिना किसी रुकावट नए प्लेटफॉर्म पर माइग्रेशन, और वर्ड प्रोसेसर, स्प्रेडशीट व प्रेजेंटेशन सॉफ्टवेयर जैसे आधुनिक ऑफिस टूल्स का इंटीग्रेशन आसानी से संभव हो जाता है।”
Zoho Mail के बारे में उन्होंने कहा कि यह Zoho Corporation नाम की एक मल्टीनेशनल टेक कंपनी के जरिए लॉन्च की गई सुरक्षित ईमेल सेवा है।
Zoho के आने से क्या बदलाव आने वाले हैं?
पहले, सरकारी ईमेल का मैनेजमेंट NIC (नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर) के जरिए किया जाता था, जो MeitY मंत्रालय के अंतर्गत आता है। NIC सरकारी ईमेल, वेबसाइट, पोर्टल, डेटा सेंटर जैसे कई डिजिटल सेवाओं का संचालन करता है। लेकिन अब, Zoho NIC के जरिए उपयोग किए जाने वाले डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर की जगह ले रहा है। इसका मतलब ये है कि आगे चलकर सरकार का जरूरी टेक्निकल काम Zoho ही संभालेगा। जैसे ईमेल सर्वर इंफ्रास्ट्रक्चर उपलब्ध कराना, स्टोरेज और बैकअप देना, बेहतर इंटीग्रेशन टूल्स देना, मजबूत क्लाउड-आधारित सुरक्षा सुनिश्चित करना, स्पैम फिल्टरिंग और मैलवेयर डिटेक्शन जैसे सुरक्षा उपायों को और मजबूत बनाना।
हालांकि, NIC अभी भी कुछ जरूरी अधिकार अपने पास रखेगा, जैसे डोमेन कंट्रोल, डेटा पॉलिसी को अंतिम रूप देना, इस्तेमाल की निगरानी करना और सभी सरकारी अकाउंट्स पर एडमिन-लेवल कंट्रोल रखना। Zoho के आने से हमें बेहतर सुरक्षा देखने को मिल सकती है, जिसमें एडवांस स्पैम फिल्टर, बेहतर DDoS प्रोटेक्शन, तेज पैचिंग साइकल, AI-आधारित खतरे का पता लगाना और अन्य सुविधाएं शामिल होंगी।