GST Council Meeting: 3 और 4 सितंबर को होगी GST काउंसिल की अहम बैठक, AC, TV, फ्रिज जैसे प्रोडक्ट्स हो सकते हैं सस्ते, आम आदमी को मिलेगी बड़ी राहत

GST Council Meeting: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज यानी 3 सितंबर, 2025 को GST काउंसिल की 56वीं बैठक होगी। यह बैठक 4 सितंबर तक दिल्ली में चलेगी। इसमें जीएसटी रिफॉर्म्स पर चर्चा होगी, जिनमें टैक्स रेट कम करना, कंप्लायंस को आसान बनाना और स्ट्रक्चरल सुधार शामिल है।

अपडेटेड Sep 03, 2025 पर 10:12 AM
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3 और 4 सितंबर को होगी GST काउंसिल की अहम बैठक, AC, TV, फ्रिज जैसे प्रोडक्ट्स हो सकते हैं सस्ते

GST Council Meeting: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज यानी 3 सितंबर, 2025 को GST काउंसिल की 56वीं बैठक होगी। यह बैठक 4 सितंबर तक दिल्ली में चलेगी। इसमें जीएसटी रिफॉर्म्स पर चर्चा होगी, जिनमें टैक्स रेट कम करना, कंप्लायंस को आसान बनाना और स्ट्रक्चरल सुधार शामिल है। इस बैठक में होम अप्लायंस जैसे AC, TV, फ्रिज और वॉशिंग मशीन जैसे प्रोडक्ट्स की जीएसटी दरों में कटौती की जा सकती है। जिससे आम आदमी को बड़ी राहत मिलेगी।

बैठक में दो मुख्य दरों पर होगी बात

जीएसटी काउंसिल सिर्फ दो मुख्य दरें, 5% और 18% रखने पर विचार कर रही है। हालांकि, मौजूदा 12% और 28% की दरें खत्म की जा सकती हैं। सिन, लक्जरी और डिमेरिट गुड्स पर 40% तक टैक्स लगाने का प्रस्ताव है, जिस पर अतिरिक्त ड्यूटी भी लग सकती है।


मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, सिटी यूनियन बैंक के 120वें फाउंडेशन डे पर सीतारमण ने कहा कि जीएसटी रिफॉर्म्स का मकसद इकोनॉमी को 'पूरी तरह ओपन और ट्रांसपेरेंट' बनाना है और छोटे बिजनेस के लिए कॉम्प्लायंस बोझ कम करना है। उन्होंने बताया कि पीएम मोदी ने नेक्स्ट-जेनरेशन रिफॉर्म्स के लिए टास्क फोर्स बनाई है, जो स्टार्टअप्स, MSME और उद्यमियों के लिए आसान इकोसिस्टम बनाने पर फोकस करेगी।

निर्मला सीतारमण ने क्या कहा?

सीतारमण ने कहा, नेक्स्ट-जेन जीएसटी रिफॉर्म्स का प्लान छोटे बिजनेस के बोझ को कम करेगा और उन्हें आगे बढ़ाने के लिए एक आसान माहौल देगा। उन्होंने बैंकों की भूमिका पर भी जोर दिया, खासकर विकसित भारत 2047 के विजन में क्रेडिट बढ़ाने, इंफ्रास्ट्रक्चर सपोर्ट, MSME और गरीबों को समय पर फंडिंग देने में।

एनपीवी एंड एसोसिएट्स के बृजेश गांधी के मुताबिक, टूथपेस्ट, छतरी, सिलाई मशीन और छोटे वॉशिंग मशीन 5% मेरिट स्लैब में आएंगे। जबकि इलेक्ट्रॉनिक्स, AC, TV, छोटे कार और टू-व्हीलर्स 28% से 18% स्लैब में जाएंगे। इससे टैक्स बोझ 10% तक घटेगा और फेस्टिव सीजन से पहले कीमतें कम हो सकती हैं।

उन्होंने कहा कि कंस्ट्रक्शन सेक्टर को भी राहत मिल सकती है, क्योंकि सीमेंट की दरों में जो 28% से थी उसे घटाकर 18% पर लाया जा सकता है। वहीं खेती, टेक्सटाइल और इंश्योरेंस प्रीमियम को भी इनपुट कॉस्ट और छूट से फायदा हो सकता है, जिससे प्रोडक्शन, सेल और घरों की अफोर्डेबिलिटी बढ़ेगी। गांधी ने आगे कहा कि ग्रीन प्रोडक्ट्स जैसे सोलर कुकर, सोलर हीटर और एनर्जी एफिशिएंट प्रोडक्ट्स पर भी दरें घट सकती हैं।

कहां बढ़ सकता है बोझ?

कुछ सेवाओं और प्रोडक्ट्स पर टैक्स दरें बढ़ाने का भी प्रस्ताव है, जिनमें केमिकल वुड पल्प और पेपरबोर्ड, ऑयल और गैस माइनिंग सर्विसेज, बिजनेस और प्रीमियम क्लास की एयर टिकटें शामिल हैं।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार की बैठक में लिए गए फैसले सीधे तौर पर आम आदमी की जेब और इंडस्ट्री के कॉस्ट स्ट्रक्चर को प्रभावित करेंगे। GST दरों में बंपर कटौती से जहां आम उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी, वहीं इंश्योरेंस और हेल्थ सेक्टर को भी बढ़ावा मिल सकता है।

पीएम मोदी ने किया था ऐलान

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से अपने भाषण में जीएसटी सुधारों की योजना का जिक्र किया था। उन्होंने अपने भाषण में कहा था कि दिवाली से पहले देशवासियों को बड़ी सौगात देने जा रहा हूं। माना जा रहा है कि जीएसटी दरों में संभावित कटौती ही वह दिवाली गिफ्ट है।

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Ashwani Kumar Srivastava

Ashwani Kumar Srivastava

First Published: Sep 03, 2025 9:17 AM

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