आज के समय में लगभग सभी के पास स्मार्टफोन है। और इसका यूज दिन में कई बार किया जाता है। लेकिन क्या आपको पता है कि स्मार्टफोन का ज्यादा यूज करने से आपके मोबाइल की स्क्रीन उतनी स्मूथ और चमकदार नहीं रह जाती जितनी वह शुरू में थी। बता दें कि समय के साथ, स्मार्टफोन बहुत ज्यादा एडवांस्ड हो गए हैं और पहले से कहीं ज्यादा जबरदस्त एक्सपीरियंस देते हैं। कुछ फोन अब ऐसे डिस्प्ले के साथ आते हैं जो 120Hz तक या उससे भी ज्यादा का रिफ्रेश रेट सपोर्ट करते हैं, जिससे फोन बहुत ज्यादा स्मूथ लगता है, लेकिन यह तो फोन के अंदर की बात हो गई।
अब, अगर हम बाहर की बात करें, तो ज्यादा यूज की वजह से स्मार्टफोन की स्क्रीन पर एक खास कोटिंग होती है जो समय के साथ खराब हो जाती है। इसे ओलियोफोबिक कोटिंग कहते हैं। अब चलिए हम आपको बताते हैं कि ओपिलयोफोबिक कोटिंग क्या है और फोन जानेंगे स्क्रीन को ज्यादा टच करने से इसे कैसे नुकसान पहुंचता है।
क्या होती है ओलियोफोबिक कोटिंग?
ओलियोफोबिक कोटिंग एक बेहद पतली और ट्रांसपेरेंट लेयर होती है, जो फोन की स्क्रीन को तेल, धूल और फिंगरप्रिंट से बचाती है। इस कोटिंग की वजह से स्क्रीन को छूने पर वह स्मूद एक्सपीरियंस देती है और उस पर दाग या निशान आसानी से नहीं पड़ते। अगर यह लेयर न हो, तो स्क्रीन जल्दी गंदी दिखने लगती है और बार-बार साफ करनी पड़ती है।
बार-बार सफाई करना पड़ सकता है भारी
आजकल लोग अपने फोन का ज्यादा केयर करते हैं, और इसी वजह से अपने स्क्रीन को कभी केमिकल्स से तो कभी कपड़े या टिशू से साफ करते रहते हैं। लेकिन वो ये ध्यान नहीं देते हैं जिस केमिकल और कपड़े से वो फोन को साफ कर रहे हैं उससे स्क्रीन की कोटिंग जल्द खराब हो सकती जाती है। जिससे स्क्रीन हमेशा के लिए धुंधली और चिपचिपी हो सकती है और आपका स्मूथ यूजर एक्सपीरियंस काफी खराब हो सकता है। हालांकि, आप टेम्परड ग्लास स्क्रीन प्रोटेक्टर का इस्तेमाल करके इस तरह की समस्या से बच सकते हैं।