जो Hike नहीं कर पाया, वो कमाल करेगा Arattai? क्या वॉट्सऐप को टक्कर दे पाएगा स्वदेशी मैसेजिंग ऐप
Zoho का मैसेजिंग ऐप Arattai चर्चा में है। इसे WhatsApp के भारतीय विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। लेकिन असली चुनौती यही है कि भारतीय यूजर्स के लिए जो काम Hike नहीं कर पाएगा, क्या Arattai वह काम कर पाएगा? Arattai की खासियत के साथ जानिए इसकी चुनौतियां।
Zoho ने Arattai ऐप 2021 में उस समय लॉन्च किया था जब WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवाद हुआ था।
Zoho का मैसेजिंग ऐप Arattai एक बार फिर चर्चा में है। इसे 2021 में लॉन्च किया गया था। ऐप ने Apple App Store पर टॉप रैंकिंग हासिल कर ली है। यह जल्द ही Google Play पर भी टॉप 100 में शामिल होने की राह पर है। Zoho के फाउंडर श्रीधर वेम्बू (Sridhar Vembu) के मुताबिक, सिर्फ तीन दिनों में ऐप के साइनअप 3,000 से बढ़कर 3.5 लाख तक पहुंच गए, यानी 100 गुना उछाल आया।
हालांकि, Arattai के लिए WhatsApp जैसी लोकप्रियता पाना आसान नहीं होगा। WhatsApp आज भारत में मैसेजिंग का दूसरा नाम बन चुका है। छोटे-बड़े बिजनेस भी पूरी तरह से इसी पर निर्भर हैं। WhatsApp का बिजनेस प्लेटफॉर्म अब सरकारी एजेंसियों और एंटरप्राइज सेक्टर तक में तेजी से बढ़ रहा है।
2021 में लॉन्च हुआ था Arattai
Zoho ने यह ऐप 2021 में उस समय लॉन्च किया था जब WhatsApp की नई प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर विवाद हुआ था। Zoho का कहना है कि Arattai की सबसे बड़ी ताकत प्राइवेसी है। सभी डेटा भारत में स्टोर होता है। साथ ही, वॉइस व वीडियो कॉल्स फिलहाल एंड-टू-एंड एन्क्रिप्टेड हैं। हालांकि मैसेज अभी पूरी तरह से एन्क्रिप्टेड नहीं हैं, लेकिन कंपनी जल्द यह फीचर लाने की तैयारी कर रही है।
Arattai से काफी पहले एक और स्वदेशी ऐप Hike ने वॉट्सऐप के दबदबे को चुनौती देने की कोशिश की थी। इसके फाउंडर बिजनेस टाइकून सुनील मित्तल के बेटे और भारती ग्रुप के वारिस कविन मित्तल थे। यह ऐप काफी लोकप्रिय भी हुआ था। लेकिन, वॉट्सऐप के सामने Hike टिक नहीं पाया और आखिर में बंद हो गया। ऐसे में Arattai की राह भी आसान नहीं होने वाली है।
Arattai की खासियत क्या है?
'Arattai' का मतलब तमिल में 'casual chat' यानी सहज बातचीत होता है। इस ऐप से टेक्स्ट और वॉइस नोट भेजे जा सकते हैं। ऑडियो और वीडियो कॉल की जा सकती है। साथ ही, फोटो-डॉक्यूमेंट शेयर करने और 24 घंटे के लिए दिखने वाली स्टोरीज पोस्ट करने की सुविधा मिलती है।
इसमें WhatsApp Channels जैसा Channels फीचर भी है। Arattai पर 250 लोगों तक की ऑनलाइन मीटिंग होस्ट की जा सकती है और यह Android TV पर भी उपलब्ध है।
क्यों बढ़ रही है Arattai की डिमांड
Arattai की डिमांड प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'स्वदेशी' अभियान के बीच बढ़ी है। हाल ही में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और IT मंत्री अश्विनी वैष्णव ने Arattai और Zoho के प्रोडक्ट्स को सोशल मीडिया पर सपोर्ट किया। 22 सितंबर को वैष्णव ने कहा कि वे अब डॉक्यूमेंट्स, स्प्रेडशीट्स और प्रेजेंटेशन के लिए Zoho टूल्स का इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने हाल ही में कैबिनेट ब्रीफिंग भी Zoho Show पर की।
टेक्निकल चुनौतियां और डेवलपर्स की राय
श्रीधर वेम्बू ने कहा कि Zoho ने ऐप को लो-एंड फोन और स्लो इंटरनेट पर भी अच्छी तरह चलाने के लिए समय लिया है। डेवलपर्स का मानना है कि सबसे बड़ा गैप यह है कि Arattai अभी सभी मैसेज के लिए डिफॉल्ट एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन नहीं देता। साथ ही, वीडियो कॉल्स और मीडिया शेयरिंग की स्केलेबिलिटी भी एक बड़ी चुनौती है।
डेवलपर्स का कहना है कि भरोसेमंद परफॉर्मेंस और बिना लैग के सर्विस देना बेहद जरूरी है। अगर मैसेज डिलीवरी या कॉल ड्रॉप में भी थोड़ी दिक्कत हुई तो यूजर्स तुरंत WhatsApp पर लौट जाएंगे। हाल के दिनों में बढ़ते ट्रैफिक के चलते ऐप में क्रैश और गड़बड़ी की शिकायतें भी आई हैं।
Arattai के यूजर्स का अनुभव
कई यूजर्स मानते हैं कि ऐप का भविष्य इस पर निर्भर करेगा कि यह WhatsApp जितना सहज और भरोसेमंद लगता है या नहीं। बेंगलुरु की एक यूजर ने कहा कि उन्हें इसका भारतीय होना और बेहतर प्राइवेसी का वादा पसंद है, लेकिन उनके कॉन्टैक्ट्स अभी इसमें नहीं हैं। कुछ यूजर्स ने इंटरफेस को क्लीन बताया, जबकि चेन्नई के एक शुरुआती यूजर ने कहा कि वीडियो कॉल का अनुभव अच्छा रहा।
Arattai आगे की राह कैसी होगी?
Arattai की असली परीक्षा यह होगी कि क्या यह यूजर्स को रोजाना इस्तेमाल करने की आदत डाल पाए। फीचर में WhatsApp जितनी बराबरी करना जरूरी है, लेकिन सबसे बड़ा चैलेंज उसके नेटवर्क इफेक्ट को पार करना है। भारत में WhatsApp स्कूल, सोसायटी और ऑफिस ग्रुप्स के जरिए करोड़ों लोगों को जोड़ चुका है। ऐसे में Arattai को वही जगह बनाने के लिए लगातार सुधार और भरोसेमंद अनुभव देना होगा।