Chalo Kashmir: 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को पुनर्जीवित करने के लिए भारतीय ट्रैवल इंडस्ट्री ने 'चलो कश्मीर' अभियान शुरू किया है। आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने से जम्मू-कश्मीर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास स्थित पर्यटक गांव इन दिनों वीरान नजर आ रहे हैं। भारत-पाकिस्तान के सैन्य संघर्ष ने कई गांव को बड़ा झटका दिया है। होटल और रेस्तरां मालिक, दुकानदार और घोड़ागाड़ी संचालक एवं अन्य कारोबारी चिंतित हैं। लेकिन उन्हें उम्मीद भी है कि भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य कार्रवाई रोकने के लिए बनी सहमति से पर्यटकों की वापसी होगी और यह क्षेत्र फिर से गुलजार होगा।
आतंकवादी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के पर्यटन को बहुत भारी झटका लगा है, जिसमें 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी। अब कश्मीर अपने पर्यटन को दोबारा पटरी पर लाने की कोशिश कर रहा है। इस क्रम में ट्रैवल एसोसिएशन दोबारा पर्यटकों को घाटी बुलाने के लिए 'चलो कश्मीर' अभियानों के जरिए कैंपेन चला रहे हैं।
NDTV की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (TAAI) की अगुवाई में और 2,400 से अधिक सदस्य कंपनियों द्वारा समर्थित इस पहल का उद्देश्य यात्रियों के बीच विश्वास बहाल करना और स्थानीय अर्थव्यवस्था का समर्थन करना है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, कोलकाता में लगभग 100 ट्रैवल कंपनियां 'चलो कश्मीर' अभियान में शामिल हुई हैं। ये एजेंसियां सालाना लगभग 4 लाख घरेलू पर्यटकों को मैनेज करती हैं। इनमें से 40,000 जम्मू और कश्मीर के हैं। उनका मानना है कि पर्यटन को बढ़ावा देना, इस तरह के आतंकी कृत्यों से होने वाले आर्थिक व्यवधान का मुकाबला करने का सबसे प्रभावी तरीका है।
एक प्रेस बयान में TAAI ने कहा, "वह इस महत्वपूर्ण मिशन में हाथ मिलाने के इच्छुक सभी संगठनों और व्यक्तियों के समर्थन का स्वागत करता है। आइए हम भारत के सबसे कीमती क्षेत्रों में से एक की जीवंतता और जीवन शक्ति को बहाल करने के लिए एक साथ आएं।" TAAI का लक्ष्य भारत भर में अपनी 2,400 से अधिक सदस्य कंपनियों के प्रत्यक्ष ग्राहक आधार के माध्यम से परिवारों, समूहों और व्यक्तियों सहित 10 लाख से अधिक यात्रियों तक पहुंचना है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 के अनुसार, जम्मू और कश्मीर में 2024 के दौरान 2.36 करोड़ पर्यटक आए, जो अब तक का सबसे अधिक है। इसमें 65,452 विदेशी पर्यटक, 5.12 लाख अमरनाथ यात्री और माता वैष्णो देवी के लिए 94.56 लाख यात्री शामिल हैं। न्यूज18 द्वारा समीक्षा किए गए आधिकारिक डेटा के अनुसार, 2024 में औसतन हर दिन लगभग 9,500 पर्यटक कश्मीर आए, जो 2021 की तुलना में पांच गुना वृद्धि दर्शाता है।
इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के पर्यटन क्षेत्र में कार्य प्रगति की समीक्षा के लिए यहां एक महत्वपूर्ण बैठक की अध्यक्षता की। केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, पर्यटन मंत्रालय में उनके सहायक मंत्री सुरेश गोपी, केंद्रीय पर्यटन सचिव वी विद्यावती और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में शामिल हुए। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "प्रधानमंत्री ने पर्यटन क्षेत्र में कार्य प्रगति की समीक्षा के लिए आज एक बैठक की अध्यक्षता की।"
प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) ने अपने यूट्यूब पेज पर इस बैठक का एक छोटा वीडियो भी साझा किया। शेखावत ने X पर पोस्ट किया, "पर्यटन क्षेत्र में प्रगति का आकलन करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक में भाग लिया। भारत को एक शीर्ष वैश्विक पर्यटन स्थल बनाने के हमारे प्रयासों को उनके दूरदर्शी नेतृत्व से मार्गदर्शन मिलता है।"
केंद्रीय पर्यटन मंत्री के कार्यालय के एक सूत्र ने बताया कि एक घंटे से अधिक समय तक चली बैठक में पर्यटन मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। इस दौरान पर्यटन क्षेत्र की व्यापक रूपरेखा पर चर्चा करने के अलावा मंत्रालय की दो प्रमुख योजनाओं प्रसाद (तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिक संवर्धन अभियान) और स्वदेश दर्शन पर भी चर्चा हुई।