भारत के उत्तर में स्थित लद्दाख एक बेहद खूबसूरत और शांत पहाड़ी इलाका है। हिमालय की गोद में बसे लद्दाख में कई ऐसी जगहें है जहां पर एक बार जाने के बाद वहां से लौटने का मन नहीं करता है। अधिकतर लोग केवल मशहूर जगहों जैसे पैंगोंग झील और खारदुंग ला तक घूम कर वापस आ जाते हैं। लेकिन लद्दाख की असली खूबसूरती उन शांत और अनजाने कोनों में छुपी है, जहां बहुत कम लोग पहुंच पाते हैं।
लद्दाख के कुछ ऐसे खास स्थान हैं जो केवल देखने के लिए नहीं, बल्कि वहां की शांति को महसूस किया जा सकता है। ये जगहें किसी भी सफर को एक अलग ही अनुभव में बदल सकती हैं।
तुरतुक लद्दाख का एक खूबसूरत सीमावर्ती गांव है। कराकोरम की पहाड़ियों के बीच बसे इस गांव की गलियों, खुबानी के पेड़ों और पुराने घरों में अतीत की कहानियां बसी हैं। यहां की संस्कृति में मध्य एशिया की झलक साफ दिखाई देती है।
हनले लद्दाख का एक बेहद शांत और खास जगह है। यह जगह अपनी गहरी शांति और साफ आसमान के लिए जानी जाती है। यहां की वेधशाला दुनिया की सबसे ऊंची वेधशालाओं में शामिल है, जो वैज्ञानिकों और ब्रह्मांड को करीब से महसूस करने वालों के लिए खास आकर्षण है। हनले की रातें बेहद शांत और साफ होती हैं, जहां आसमान तारों की रोशनी से जगमगा उठता है।
सिंधु नदी के किनारे बसा उलेयटोकपो एक शांत गांव है। यहां की साफ हवा, सुनहरी रोशनी और ठहरा हुआ समय मन को सुकून देता है। यह जगह उन लोगों के लिए आदर्श है जो भीड़ से दूर प्रकृति की शांति में कुछ वक्त बिताना चाहते हैं।
त्सो मोरीरी झील लद्दाख की एक शांत और कम भीड़ वाली जगह है, जो अपनी सादगी और प्राकृतिक खूबसूरती हर किसी के मन को भा जाती है। ऊंचे पहाड़ों के बीच बसी यह झील प्रवासी पक्षियों का घर भी है और यहां का नीला पानी और सन्नाटा सुकून भरा अनुभव देता है।
पनामिक, नुब्रा घाटी का एक शांत गांव है जो अपने सल्फर युक्त गर्म पानी के झरनों के लिए मशहूर है। बर्फीली पहाड़ियों के बीच ये झरने सुकून देने वाले हैं और स्थानीय लोग इन्हें सेहत के लिए भी फायदेमंद मानते हैं।
लद्दाख के नुब्रा क्षेत्र में स्थित सुमुर गांव एक शांत और सादगी भरा स्थान है। समस्तानलिंग मठ की सुबह की प्रार्थनाएं माहौल को आध्यात्मिक बना देती हैं। यहां की शांति और सादगी मन को सुकून देती है, और हर चीज में एक खास लय महसूस होती है।