भारत के इस हिल स्टेशन पर लागू हुआ नया नियम, अब सैलानियों के लिए रजिस्‍ट्रेशन जरूरी, पढ़ें पूरी डीटेल

Mussoorie : 2023 में एनजीटी को सौंपी गई रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि मसूरी में आने वाले पर्यटकों का रजिट्रेशन वहां की कैरिंग कैपेसिटी के अनुसार किया जाए। इसमें पार्किंग, उपलब्ध गेस्ट रूम जैसी सुविधाओं को ध्यान में रखने की बात कही गई थी

अपडेटेड Aug 01, 2025 पर 12:07 PM
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क्वींस ऑफ हील्स यानी मसूरी में घुमने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आपके लिए हैं।

Mussoorie : बारिश के सुहाने मौसम में क्वीस ऑफ हील्स यानी मसूरी में घुमने का प्लान बना रहे हैं तो ये खबर आपके लिए हैं। मसूरी आने वाले पर्यटकों के लिए नया नियम लागू कर दिया है। राज्य पर्यटन विभाग ने मसूरी में बढ़ती भीड़ और ट्रैफिक का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया है। ये नया नियम शुक्रवार यानी 1 अग्सत से लागू हो गया है। पर्यटकों को मसूरी आने से पहले इस पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। इससे मसूरी में भीड़ और यातायात की रियल टाइम जानकारी मिल सकेगी जिससे पुलिस और प्रशासन को यातायात नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। मसूरी के प्रवेश द्वारों पर ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन कैमरे भी लगाए जाएंगे।

'वहन क्षमता' यानी कैरिंग कैपेसिटी का मतलब है - किसी इलाके में इतने ही लोग ठहरें, जितना वह क्षेत्र पर्यावरण को नुकसान पहुंचाए बिना सहन कर सके। यह निर्देश राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की ओर से बनाई गई एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिया गया है। समिति ने 2023 में मसूरी की पारिस्थितिकी को बचाने के लिए 19 सुझाव दिए थे, जिनमें यह पंजीकरण व्यवस्था भी शामिल है। 8 मई को एनजीटी ने राज्य सरकार द्वारा रिपोर्ट पर की गई कार्रवाई की समीक्षा की और साफ कहा कि इन सुझावों को लागू करने की रफ्तार तेज की जाए।

रजिट्रेशन को लेकर नई व्यवस्था

2023 में एनजीटी को सौंपी गई रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि मसूरी में आने वाले पर्यटकों का रजिट्रेशन वहां की कैरिंग कैपेसिटी के अनुसार किया जाए। इसमें पार्किंग, उपलब्ध गेस्ट रूम जैसी सुविधाओं को ध्यान में रखने की बात कही गई थी। साथ ही, यह भी सुझाव दिया गया था कि पर्यटकों से एक छोटा-सा शुल्क लिया जाए, जिसका इस्तेमाल कचरा प्रबंधन और सफाई के लिए किया जा सके। थोड़ी देरी के बाद, अब उत्तराखंड पर्यटन विभाग ने शुक्रवार यानी 1 अगस्त से पर्यटकों के रजिस्टेरशन की व्यवस्था शुरू कर दी है। यह कदम एनजीटी की दी गई 19 सिफारिशों में से एक है।

पर्यटन विभाग के मुताबिक, होटल और होमस्टे मालिकों को इस नई व्यवस्था की जानकारी देने के लिए एक बैठक की गई। उन्होंने बताया, "हमने होटल मालिकों और प्रबंधकों को पोर्टल पर पंजीकरण और पर्यटकों का डेटा भरने की प्रक्रिया लाइव डेमो के जरिए समझाई है। अब यह रजिस्ट्रेशन सिस्टम रियल टाइम में किया जाएगा, यानी जैसे ही कोई पर्यटक चेक-इन करेगा, उसी समय उसका डेटा पोर्टल पर डाला जाएगा।"


बढ़ता पर्यटन दबाव

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मसूरी और देहरादून तक सड़क और रेल से अच्छी तरह जुड़ी हुई है और यहां हर साल पर्यटकों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। 1958 में यहां करीब 1.5 लाख पर्यटक आए थे, जो 1966 में बढ़कर 3 लाख और 2000 तक 8.5 लाख हो गए। महामारी से पहले के आखिरी साल यानी 2019 में, मसूरी आने वाले पर्यटकों की संख्या 30 लाख से ज्यादा हो गई थी। इस बढ़ते दबाव का असर मसूरी के बुनियादी ढांचे पर साफ देखा जा सकता है। 2023 तक मसूरी में 303 होटल, 201 होमस्टे और 6 धर्मशालाएं रजिस्टर थीं। लेकिन पार्किंग की बात करें तो, पूरे शहर में सार्वजनिक और निजी जगहों को मिलाकर सिर्फ 1,240 गाड़ियों के लिए ही पार्किंग की सुविधा है। 2023 में बनाई गई समिति ने सुझाव दिया था कि पर्यटक वाहनों की संख्या को इसी सीमा तक सीमित रखा जाए, ताकि शहर पर अधिक दबाव न पड़े और पर्यावरण संतुलन बना रहे।

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