कुत्ता या बिल्ली पालना सुनने में आसान लगता है, लेकिन असल में यह काफी जिम्मेदारी भरा काम है। जब हम पेट पालते हैं तो ये सिर्फ पालतू जानवर नहीं बल्कि हमारे लिए फैमिली का सदस्य बन जाता हैं। अक्सर हम अपने पालतू से इतना जुड़ जाते हैं कि जब हम कही बाहर जाते हैं तो उन्हें अकेला छोड़ना मुश्किल हो जाता है। मानसून के दौरान सफर करते समय ज्यादातर लोग चाहते हैं कि वे सफर में अपने पेट को भी साथ ले जाएं, ताकि उनको उनकी चिंता भी न रहे। छोटे सफर में तो हम उन्हें गाड़ी में साथ ले जाते हैं, लेकिन लंबी यात्रा के समय यह बड़ा सवाल होता है कि उन्हें कैसे ले जाया जाए।
मानसुन में मौसम में बिल्ली को साथ ले जाने में काफी दिक्कतें होती है। मानसून में ज्यादा नमी, सीलन और फंगल इंफेक्शन बढ़ने से बिल्लियों को परेशानी हो सकती है। अगर आप इस मौसम में बिल्ली के साथ यात्रा कर रहे हैं तो कुछ खास बातों का ध्यान रखना जरूरी है।
बिल्लियों को कैसे बचाएं
सर्दियों के मुकाबले ज्यादा नमी वाले मौसम में बिल्लियों में सांस से जुड़ी बीमारियां होने का खतरा ज्यादा होता हैं। अगर सफर के दौरान बिल्ली की नाक या आंखों के पास बलगम या पपड़ी दिखे, खांसी या छींक आए, तो तुरंत पशु चिकित्सक (वेटरिनेरियन) से संपर्क करना चाहिए। डॉक्टर के पास ले जाते समय मजबूत कैरियर का इस्तेमाल करें। अपनी बिल्ली को ठंडी हवा और पानी से बचाएं और जरूरत हो तो हल्का कंबल ओढ़ा दें।
साथ में रखें फर्स्ट एड किट
अगर आप बिल्ली के साथ कही घूमने जा रहे हैं तो साथ में एक फर्स्ट एड किट जरूर रखें। इसमें बिल्ली के लिए सुरक्षित दर्द और उल्टी की दवा, पट्टियां, एंटीसेप्टिक घोल और थर्मामीटर होना चाहिए। पहले से तैयारी करने से जर्नी के दौरान और बाद में भी उसकी सेहत बनी रहती है। बिल्लियों के आराम के लिए उनका पसंदीदा खिलौना और थोड़ी कटनीप भी रख सकते हैं।
हिंदी में शेयर बाजार, स्टॉक मार्केट न्यूज़, बिजनेस न्यूज़, पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App डाउनलोड करें।