कन्नौज के उदैतापुर गांव में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हुआ। 15 वर्षीय करन जब जंगल में लकड़ी बीन रहा था, तभी एक जहरीले कोबरा ने उसे डस लिया। करन की चीख सुनते ही गांव वाले मौके पर पहुंचे और पास ही दिखे कोबरा को लाठी-डंडों से मार डाला। परिजनों ने करन को तत्काल जिला अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसकी जान बचाने के लिए सिर्फ दो घंटे में 76 एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन दिए। डॉक्टरों के मुताबिक, हर डेढ़ मिनट में एक डोज लगाना पड़ा, क्योंकि जहर का असर लगातार बढ़ रहा था।
समय पर इलाज और डॉक्टरों की तत्परता से करन की जान बच गई। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है, लेकिन निगरानी में रखा गया है। यह जिला अस्पताल का अब तक का सबसे बड़ा मामला माना जा रहा है, जिसमें इतनी ज्यादा मात्रा में इंजेक्शन देकर किसी की जान बचाई गई।
परिजनों ने दौड़ाकर पहुंचाया अस्पताल
करन का भाई सूरज और चाचा शिवम उसे बाइक से जिला अस्पताल ले गए। परिजन मरे हुए कोबरा को भी डिब्बे में रखकर ले गए ताकि डॉक्टर सही पहचान कर सकें।
जहर का असर इतना तेज कि हर डेढ़ मिनट पर इंजेक्शन
डॉ. हरि माधव यादव ने बताया कि करन की हालत बेहद गंभीर थी। सांप के जहर के असर को खत्म करने के लिए सिर्फ दो घंटे में 76 एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन देने पड़े यानी हर डेढ़ मिनट पर एक डोज।
डॉक्टरों की तत्परता से करन की जान बच गई। फिलहाल उसकी हालत स्थिर है, लेकिन निगरानी में रखा गया है। डॉ. यादव के मुताबिक, ये उनका अब तक का सबसे बड़ा केस है।
अस्पताल में एंटी स्नेक वेनम इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध थे, जिससे इलाज में देरी नहीं हुई। डॉक्टरों ने कहा कि जिंदगी को प्राथमिकता देते हुए तुरंत कार्रवाई की गई।