शराब सेहत के लिए हानिकारक होती है। यह बात बोतल में साफ तौर पर लिखी होती है। लेकिन शराब के शौकीन लोग इसे ही अपनी सेहत का राज मान लेते हैं। हालांकि यह पूरी तरह से गलत है। इस बीच शराब से सरकार और ठेकेदार की आर्थिक सेहत चकाचक रहती है। शराब में कई तरह के टैक्स जोड़े जाते हैं। जिससे सरकार का खजान शराब की बिक्री से भर जाता है। हाल ही में उत्तर प्रदेश में सरकार की नई आबकारी नीति ने सरकारी खजाने को भरने में अहम भूमिका निभाई है। योगी सरकार ने प्रदेश के सभी 75 जिलों से केवल शराब की दुकानों की रजिस्ट्रेशन फीस से 22.65 अरब रुपये की वसूली की है।
वैसे भी जब आप किसी दुकानदार से जितने रुपये में भी सामान खरीदते हैं। उसमें उस दुकानदार का मुनाफा भी छिपा होता है। दुकानदार एमआरपी से कम प्राइज में सामान खरीदते हैं। उसे उसमें अपना मुनाफा जोड़कर बेच देते हैं। ऐसा ही कुछ शराब के कारोबारियों के साथ भी होता है। वो भी एक मार्जिन के बाद ग्राहकों को शराब बेचते हैं।
जानिए शराब से ठेकेदार की कितनी होती है कमाई
दरअसल, शराब के ठेके की कमाई शराब की बिक्री पर निर्भर करती है। जिसमें शराब का प्रकार, ब्रांड और स्थान जैसी अहम चीजें शामिल होती हैं। आमतौर पर ठेकेदार को प्रति बोतल 20-25 फीसदी तक का मुनाफा होता है। शराब की बिक्री से ठेकेदार को मिलने वाला मुनाफा ब्रांड, शराब के प्रकार और जगह के अनुसार अलग-अलग हो सकता है। शराब पर राज्य सरकार की ओर से एक्साइज ड्यूटी और वैट (Value Added Tax) लगाया जाता है। यह शराब की कीमत का एक अहम हिस्सा होता है। उत्तर प्रदेश में शराब पर 66 फीसदी टैक्स लगता है। उत्तर प्रदेश में शराब की दुकानों का आवंटन ऑनलाइन लॉटरी के जरिए होता है। बता दें कि शराब की बिक्री के लिए लाइसेंस लेना होता है। जिन दुकानदारों को यह लाइसेंस मिलता है। उसे ठेका कहते हैं।
किस आधार पर तय होता है मुनाफा?
शराब पर मुनाफा कई चीजों पर निर्भर करता है। अगर शराब के प्रॉफिट की कैटेगरी की बात करें तो इसमें एक कैटेगरी तो बीयर की होती है। इसके अलावा दूसरी कैटेगरी में आईएमएफएल है। जिन्हें इंडियन मेड फॉरेन लिकर कहा जाता है। इसके साथ ही मुनाफा फॉरेन लिकर, देसी शराब आदि पर निर्भर करता है। इसके साथ ही हर कंपनी, राज्य, ब्रांड पर भी शराब पर होने वाली डिसाइड होती है। ऐसे में ये स्पष्ट रुप से नहीं कहा जा सकता कि आखिर शराब पर कितना मुनाफा होता है। ये हर बोतल पर निर्भर करता है कि उससे दुकानदार को कितना मुनाफा होगा।