पश्चिम बंगाल का 55 साल के मुस्लिम व्यक्ति इमामुद्दीन अंसारी को कथित तौर पर दो साल से फर्जी पहचान के साथ एक मंदिर में रहने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। वो उत्तर प्रदेश के शामली में थाना भवन क्षेत्र के मंटी हसनपुर गांव में शनि मंदिर में "बाबा बंगाली उर्फ बालकनाथ" बनकर रह रहा था। थाना भवन पुलिस को उसकी असली पहचान की जानकारी मिलने के बाद शनिवार रात उसे गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने मंदिर पर छापा मारा और पूछताछ के लिए उसे हिरासत में ले लिया।
तलाशी के दौरान, पुलिस को अंसारी के पास से तीन आधार कार्ड और एक पैन कार्ड मिला। एक आधार कार्ड पर 'बंगाली नाथ' नाम और सहारनपुर के एक मंदिर का पता लिखा था। बाकी दो आधार कार्ड और पैन कार्ड में उसका असली नाम इमामुद्दीन अंसारी और पता पश्चिम बंगाल के अलीपुरद्वार जिले का लिखा था।
शामली के SP रामसेवक गौतम ने बताया, "आरोपी के खिलाफ फर्जी दस्तावेज बनाने और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को कैराना कोर्ट में पेश किया गया और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।"
पश्चिम बंगाल भेजी गई पुलिस की एक टीम
पुलिस ने पते की पुष्टि करने और अंसारी की बैकग्राउंड के बारे में जानकारी जुटाने के लिए एक टीम पश्चिम बंगाल भेजी है। अधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि क्या उसका कोई पिछला आपराधिक रिकॉर्ड है और उसे यह फर्जी आधार कार्ड कैसे मिले। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या सरकारी दस्तावेजों में उसका नाम बदलने में कोई और भी शामिल था।
SP गौतम ने बताया कि अभी तक कोई संदिग्ध दस्तावेज, बैंक अकाउंट या धर्म परिवर्तन के सबूत नहीं मिले हैं। उन्होंने आगे कहा, "मामले की गहन जांच की जा रही है। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।"
इस घटना से स्थानीय हिंदू संगठनों में काफी नाराजगी है। जिला मठ मंदिर प्रमुख भारत भूषण ने कहा कि यह मामला "अप्रत्याशित और गंभीर" है और उन्होंने पुलिस से कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि मंदिर संगठन पूरे जिले में इसी तरह के मामलों की निगरानी शुरू करेंगे।
VHP की जिला सेवा प्रमुख विन्नी राणा और जिला महामंत्री शालू राणा ने भी इस कृत्य की निंदा की। उन्होंने कहा कि उनके कार्यकर्ता ग्रामीण इलाकों में साधुओं का वेश धारण करने वालों पर नजर रखेंगे। शालू राणा ने कहा, "सनातन के खिलाफ किसी भी षड्यंत्र को सफल नहीं होने दिया जाएगा।"
पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जांच निष्पक्ष और पारदर्शी होगी। साथ ही उन्होंने लोगों से अफवाह न फैलाने का आग्रह किया है।