Bhopal 90-degree Bridge Row: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल में 90 डिग्री मोड़ वाले रेलवे ओवरब्रिज (ROB) के निर्माण में तकनीकी खामियों के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए दो चीफ इंजीनियर समेत सात इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री यादव ने X पर एक पोस्ट में बताया कि इस मामले में एक रिटार्यर्ड वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी। खबरों की मानें तो इस मामले में दो कंपनियों को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।
राज्य की राजधानी में ऐशबाग स्टेडियम के पास बना रेलवे ओवरब्रिज स्थानीय निवासियों और सोशल मीडिया यूजर्स द्वारा इसके डिजाइन पर सवाल उठाए जाने के साथ ही आलोचना और उपहास का विषय बना हुआ है। संभावित जोखिमों पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों ने कहा था कि वाहनों को इसके असामान्य 90 डिग्री मोड़ से गुजरना मुश्किल होगा।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने ऐशबाग आरओबी के निर्माण में हुई गंभीर लापरवाही का संज्ञान लेते हुए जांच के आदेश दिए थे। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, "जांच रिपोर्ट के आधार पर लोक निर्माण विभाग के आठ इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। दो मुख्य इंजीनियरों सहित सात को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। एक रिटायर्ड एसई के खिलाफ विभागीय जांच की जाएगी।"
उन्होंने कहा, "इस परियोजना में आरओबी का गलत डिजाईन पेश करने पर निर्माण एजेंसी एवं डिजाईन कंसल्टेंट दोनों को ब्लैक लिस्ट किया गया है।" PWD के अतिरिक्त मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने बताया कि कथित दोषपूर्ण डिजाइन के लिए जिन इंजीनियरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। उनमें चीफ इंजीनियर संजय खांडे और जीपी वर्मा, प्रभारी कार्यकारी इंजीनियर जावेद शकील, प्रभारी उप-विभागीय अधिकारी रवि शुक्ला, सब-इंजीनियर उमाशंकर मिश्रा, सहायक इंजीनियर शानुल सक्सेना, प्रभारी कार्यकारी इंजीनियर शबाना रज्जाक और रिटायर्ड सुपरिटेंडेंट इंजीनियर एमपी सिंह शामिल हैं।
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आरओबी में आवश्यक सुधार के लिए कमेटी बनाई गई है। उन्होंने कहा कि सुधार के बाद ही आरओबी का लोकार्पण किया जाएगा। तकरीबन 18 करोड़ रुपये की लागत से बने इस आरओबी का उद्देश्य महामाई का बाग, पुष्पा नगर और स्टेशन क्षेत्र से नए भोपाल तक वाहनों की आवाजाही को सुगम बनाना है।
इस पुल को लेकर विवाद होने के बाद लोक निर्माण विभाग (PWD) ने पुल पर वाहनों की सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए समाधान खोजने के लिए एक समिति बनाई थी। PWD मंत्री राकेश सिंह ने तब कहा था कि नेशनल हाईवे प्राधिकरण (NHAI) की एक टीम ने मामले की जांच की। उन्होंने पाया कि जमीन की कमी के कारण अजीब डिजाइन अपनाया गया था।
उन्होंने कहा था कि दो चीफ इंजीनियरों वाली समिति रेलवे सहित सभी लोगों से बात करेगी और फिर सुधारात्मक कदम उठाए जाएंगे। उनके अनुसार समिति की रिपोर्ट के आधार पर यह तय किया जाएगा कि पुल के मोड़ को कैसे सुगम और दुर्घटना मुक्त बनाया जाए।
आरओबी के निर्माण से जुड़े अधिकारियों ने पहले तर्क दिया था कि जमीन की कमी और पास में मेट्रो रेल स्टेशन की मौजूदगी को देखते हुए उनके पास इसे इस तरह बनाने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था।
PWD अधिकारियों ने कहा कि अगर थोड़ी और जमीन उपलब्ध हो जाए तो 90 डिग्री के तीखे मोड़ को 'कर्व' में बदला जा सकता है। मार्च 2023 में आरओबी का निर्माण शुरू होने से पहले सरकार ने कहा था कि इसके चालू हो जाने के बाद ऐशबाग इलाके के लोगों को न तो रेलवे क्रॉसिंग पर इंतजार करना पड़ेगा। साथ ही न ही लंबा चक्कर लगाना पड़ेगा। इससे हर दिन करीब तीन लाख लोगों को फायदा होगा।
हालांकि, इसके 90 डिग्री के मोड़ के कारण सोशल मीडिया यूजर्स के साथ-साथ स्थानीय निवासियों ने कहा कि दोषपूर्ण डिजाइन दुर्घटनाओं का कारण बन सकता है। क्योंकि वाहनों को इसके तीखे कोण के कारण मोड़ से गुजरना मुश्किल होगा।